कम मुआवजे पर भड़के जोशीमठ के प्रभावित! धरने पर बैठे लोग

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जोशीमठ में प्रशासन के साथ स्थानीय लोगों की मुआवजे को लेकर चल रही बैठक में बात नहीं बनी। प्रशासन की ओर से प्रभावितों परिवारों को डेढ़ लाख रुपये मुआवजा दिए जाने की बात कही गई, लेकिन प्रभावितों ने इसे लेने से इनकार कर दिया। इसके बाद सैकड़ों लोग मलारी इन होटल के बाहर धरने पर बैठ गये। प्रभावित लोग बद्रीनाथ की दर्ज पर मुआवजा देने की मांग पर अड़े हैं। बता दें जोशीमठ में लगतार बढ़ते जा रहे खतरे को देखते हुए प्रशासन ने प्रभावितों को शिफ्ट करने और फिलहाल दो होटलों को ध्वस्त करने का निर्णय लिया था। मंगलवार को विरोध के चलते प्रशासन ध्वस्तीकरण की कार्रवाई को अंजाम नहीं दे पाया। ध्वस्तीकरण की कार्रवाई का विरोध करते हुए होटल स्वामी और स्थानीय लोगों ने क्षति का अंाकलन करने और मुअवाजा देने की मांग उठाई थी। साथ ही जोशीमठ के अन्य प्रभावित लोग भी घर खाली कराने का विरोध कर रहे थे। जिसे लेकर आज सुबह मुख्यमंत्री के सचिव आर मीनाक्षी सुंदरम ने प्रभावितों के साथ बैठक की। इसमें प्रभावितों को डेढ़ लाख रूपये मुआवजा देने की बात कहीं गयी। साथ ही प्रभावितों की बद्रीनाथ की तर्ज पर मुआवजे की मांग को भी प्रशासन ने नकार दिया। बैठक में अधिकारियों ने कहा कि अभी तक सिर्फ दो होटल के डिस्मेंटल का आदेश जारी किया गया है। जबिक अन्य भवनों को नहीं तोड़ा जाएगा। अधिकारियों ने कहा कि मार्केट रेट पर मुआवजा दिया जायेगा लेकिन मुआवजा क्या होगा यह फिलहाल अभी तय नहीं है। देर तक चली बैठक में कोई नतीजा नहीं निकलने के बाद प्रभावित लोग मलारी इन होटल के बाहर धरने पर बैठ गये। जोशीमठ मलारी इन के मालिक ठाकुर सिंह राणा ने कहा कि मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव के साथ बैठक हुई। उन्होंने कहा कि बदरीनाथ की तर्ज पर मुआवजा नहीं मिलेगा, लेकिन मार्केट रेट पर होगा। हमने बोला कि मार्केट रेट बता दें लेकिन उन्होंने कहा कि नहीं बता सकते तो हमने कहा कि हम भी नहीं उठेंगे। उधर जोशीमठ में दो दर्जन मकानों में दरारों की चौड़ाई और बढ़ती नजर आ रही है। जोशीमठ के आस पास की चोटियों पर बर्फबारी हुयी है। साथ ही जोशीमठ में बारिश होने के आसार भी बन रहे हैं जिससे चिंता और बढ़ती जा रही है।


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