Uttarakhand news| बीते गुरुवार को देहरादून के परेड ग्राउंड में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का शपथ ग्रहण समारोह था जिसमें BJP के दिग्गज नेताओं के साथ-साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी शामिल हुए।
शपथ ग्रहण समारोह में जहां दूसरे राज्यों के मुख्यमंत्री भी मौजूद थे वहीं प्रदेश के ही विपक्षी नेता नदारद थे। सोशल मीडिया में कुछ लोगों ने टीका टिप्पणी करना भी शुरू की आखिर Harish Rawat या Congress पार्टी का कोई अन्य नेता इस समारोह में मौजूद क्यों नहीं था?
पूर्व उत्तराखंड मुख्यमंत्री और दिग्गज Congress नेता Harish Rawat ने आज इन चर्चाओं पर विराम लगाते हुए अपने फेसबुक पेज पर बताया कि उन्हें निमंत्रण तो मिला था लेकिन उस निमंत्रण पत्र के साथ कार पार्क और कोई स्थान इंडिकेटर अभीसूचित नहीं था। उन्होंने साथ में यह भी कहा कि जब किसी समारोह में शिविर नेता मौजूद होते हैं तब विपक्ष के नेताओं और मुख्यमंत्रियों को सम्मान पूर्वक बुलाना चाहिए।
उन्होंने लिखा,”मुख्यमंत्री के शपथ ग्रहण समारोह में Congress की अनुपस्थिति को लेकर टिप्पणियां हुई हैं, जो स्वभाविक हैं। हमारा कोई उद्देश्य शपथ ग्रहण से दूरी बनाए रखने का नहीं था। मैंने फेसबुक पर बधाई भी दी और पूरे शपथ ग्रहण समारोह को अपने मोबाइल फोन में देखा भी। मुझे जो निमंत्रण पत्र भेजा गया था, उस निमंत्रण पत्र के साथ कार पार्क और कोई स्थान इंडिकेटर अभिसूचित नहीं था। जिस अवसर पर देश के शीर्षस्थ शासक वर्ग उपस्थित हो, वहां यदि आप बिना पूर्व निर्धारित स्थान और बिना कार पार्किंग, प्रवेशद्वार इत्यादि की जानकारी बिना पहुंचते हैं, तो आप सुरक्षा हैजार्ड भी बन सकते हैं। मैंने बहुत विचार करने के बाद न जाने का फैसला किया। पिछली बार ऐसा अवसर आया था तो मैं गया था और मंच पर मैंने, मुख्यमंत्री मंत्रीगणों व BJP के नेतागणों को बधाई दी थी और उनके साथ बैठा था। मेरा मानना है मुख्यमंत्री का शपथ ग्रहण समारोह एक राज्य का महत्वपूर्ण अवसर होता है, उस अवसर पर विपक्ष के नेताओं और पूर्व मुख्यमंत्रियों को सम्मानपूर्वक बुलाया जाना चाहिए और उनको वहां जाना भी चाहिए, राजनीतिक सौहार्द की यह आवश्यकता है।”