उत्तराखण्डः रुद्रपुर में पांचवे दिन की रामलीला सम्पन्न! प्रभु राम को हुआ वनवास, मार्मिक लीला के मंचन से भावुक हुए दर्शक

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रुद्रपुर। मुख्य रामलीला मंे विगत पंचम रात्रि राम के राजतिलक की घोषणा करना, मंथरा की कुटिलता, मंथरा द्वारा कैकयी को भड़काना, कैकयी का कोप भवन में चले जाना, दषरथ द्वारा कैकयी को मनाना, कैकयी द्वारा दो वरदान मांगना एवं राजा दषरथ द्वारा रघुकुल की रीत का पालन करते हुए राम को वनवास और भरत को राजपाट देने की घोषणा करने व राम का वनो को प्रस्थान की लीला का मार्मिक व जीवन लीला का मंचन हुआ। पंचम रात्रि की रामलीला का उद्घाटन मुख्य अतिथि समाजसेवी सूरज कालड़ा, वैष्णों इंटरप्राइजेज वालों ने सपरिवार दीप प्रज्जवलित कर किया। रामलीला कमेटी ने समाजसेवी सिंह परिवार को माल्यार्पण कर व स्मृति चिन्ह देकर सम्मनित किया।
आज राम विवाह के जष्न में डूबी अयोध्या नगरी में राजा दषरथ अपने गुरूओं की सलाह पर राम को राजतिलक कर अयोध्या नगरी का राजा बनाने की घोषणा करते है। लेकिन होनी को यह मंजूर नही होता। राजा दषरथ की सबसे प्रिय रानी कैकयी की प्रमुख बांदी मंथरा की बुद्धि भ्रष्ट हो जाती है। वह कैकयी को राम के राजतिलक के खिलाफ भड़काना प्रारम्भ कर देती है। कैकयी राम से सबसे अधिक प्यार करती है और उसे भरत से भी ज्यादा चाहती है। लेकिन काल के दुर्योग से वह मंथरा के बहकावे में आ जाती है और वह कोप भवन में जाकर बैठ जाती है। राजा दषरथ को जैसे ही कैकयी के कोप भवन में जाने का पता चलता है वह उनको मनाने चले जाते है। रूठी हुई कैकयी उन्हें दो वचन दिये जाने का प्रण याद दिलाती है और इन दो वचनो के रूप में राम को वनवास और भरत के राजतिलक की मांग करती है। यह सुनकर राजा दषरथ बहुत व्याकुल हो जाते है। वह कैकयी से लाख मनुहार करते है कि भरत को राजपाट चाहे दे दो लेकिन राम को वनवास की हट त्याग दो। कैकयी अपनी बात पर अड़िक रहती है तो राजा दषरथ रघुकुल की रीत का पालन करते हुए राम को वनवास और भरत को राजपाट देने की घोषणा कर देते है।
आज राम की भूमिका में मनोज अरोरा, सीता की भूमिका में दीपक अग्रवाल, लक्ष्मण की भूमिका में गौरव जग्गा़, गणेष भगवान की भूमिका में आषीष ग्रोवर, मंथरा की भूमिका में राजेन्द्र छाबड़ा, कैकयी की भूमिका में नरेष छाबड़ा, राजा दषरथ की भूमिका में प्रेम खुराना नें शानदार अभिनय कर उपस्थित हजारो जनता का मन मोह लिया। इस दौरान पवन अग्रवाल, विजय अरोरा, नरेष शर्मा, सुभाष खंड़ेलवाल, ओमप्रकाष अरोरा, महावीर आजाद, हरीष धीर, अमित अरोरा बोबी, राकेष सुखीजा, अषोक गगनेजा, आषीष ग्रोवर आषू, गुरषरण बब्बर षरणी, गौरव तनेजा, संजीव आनन्द, गौरव बेहड़, सचिन आनन्द, विजय विरमानी, अमित चावला, सचिन तनेजा, आदि सहित हजारो दर्षक मौजूद थे। मंच संचालन वरिष्ठ समाजसेवी हरीष धीर नें किया।


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