केदारनाथ धाम में घरों पर लगे बेदखली के नोटिस! तीर्थ पुरोहितों में आक्रोश

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केदारनाथ धाम में प्रशासन की ओर से घरों पर बेदखली नोटिस चस्पा करने पर तीर्थपुरोहितों व केदारसभा ने कड़ी नाराजगी जताई है तथा इसका विरोध करते हुए उपजिलाधिकारी ऊखीमठ के माध्यम से डीएम को ज्ञापन भेजा है। जिलाधिकारी को दिए ज्ञापन में केदारसभा ने कहा कि कार्यालय विहित प्राधिकारी ऊखीमठ द्वारा 21 अगस्त को केदारनाथ धाम निवासी पन्ना लाल, दर्शन लाल, कमल चंद्र त्रिवेदी एवं किशन चंद्र पोस्ती को नोटिस जारी करते हुए स्पष्ट रूप से कहा गया कि उक्त निवासियों के आवासीय भवन एवं धर्मशाला सरकारी भूमि पर निर्मित हैं। यहां के रहने वालों ने बताया कि केदारसभा एवं केदारनाथ धाम के सभी निवासी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट में प्रशासन का सदैव सहयोग करते रहे हैं। पूर्व में अनेक निवासियों द्वारा प्रशासन को अपने आवासीय भवन दे दिए गए हैं, ताकि केदारनाथ पुनर्निर्माण कार्य तय समय पर पूर्ण हो जाएं, किंतु यह चिंताजनक और खेद का विषय है कि विहित प्राधिकारी द्वारा बिना संबंधित भवन स्वामियों से बातचीत किए ही बेदखली के नोटिस भवनों पर चस्पा कर दिए हैं। इस नोटिस के चपकने से यह प्रतीत हो रहा है कि शासन-प्रशासन धाम में बगैर स्थानीय निवासियों को विश्वास में लिए पूर्णतः मनमानी करना चाह रहा है, जिसकी केदार सभा एवं स्थानीय निवासी घोर निंदा करते हैं। लोगों ने कहा कि पहले शासन-प्रशासन द्वारा स्थानीय लोगों को यह विश्वास दिलाया जाता रहा है कि धाम में सभी पुनर्निर्माण से संबंधित कार्यों में स्थानीय लोगों को विश्वास में लेकर जन भागीदारी से कार्य किए जाएंगे, किंतु वर्तमान में यह सभी बातें खोखली साबित हो रही हैं। लोगों ने कहा कि यदि इसी तरह शासन-प्रशासन का रवैया रहा तो समस्त स्थानीय लोग बिना किसी पूर्व सूचना के आंदोलन के लिए बाध्य होंगे, जिसका सीधा प्रभाव केदारनाथ में हो रहे पुनर्निर्माण कार्यों पर पड़ेगा। ज्ञापन देने वालों में केदारसभा अध्यक्ष राजकुमार तिवारी, महामंत्री राजेंद्र प्रसाद तिवारी, नगर पंचायत ऊखीमठ के अध्यक्ष विजय राणा आदि शामिल थे।


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