गर्भवतियों के लिए जिलों में बनेंगे बर्थ वेटिंग होम, टीबी रोग की जांच को गांव में ही होगा एक्सरे

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टीबी रोग की जांच के लिए अब गांव में ही एक्सरे की सुविधा मिलेगी। इसके लिए 17 मोबाइल मेडिकल यूनिट में पोर्टेबल डिजिटल एक्सरे मशीन स्थापित की जाएगी। इसके अलावा गर्भवती महिलाओं के लिए सभी जिलों में बर्थ वेटिंग होम की सुविधा शुरू की जाएगी। इन सुविधाओं को शुरू करने के लिए केंद्र से अनुपूरक बजट उपलब्ध कराने के लिए जल्द ही प्रस्ताव भेजा जाएगा।

सचिवालय में राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तहत संचालित विभिन्न कार्यक्रमों अनुपूरक बजट को लेकर सचिव स्वास्थ्य सचिव डॉ. आर. राजेश कुमार ने विभागीय समीक्षा बैठक की। सचिव ने कहा कि मातृत्व स्वास्थ्य कार्यक्रम के तहत गर्भवती महिलाओं को प्रसव की संभावित तिथि से पूर्व बर्थ वेटिंग होम में ठहरने की सुविधा मिलेगी। सचिव स्वास्थ्य सचिव डॉ. आर. राजेश कुमार ने कहा कि राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तहत गर्भवती महिलाओं के लिए हर जिले में प्रसूति प्रतीक्षा गृह स्थापित किए जाएंगे और इसके लिए अनुपूरक बजट स्वीकृत किया गया है। राज्य में हर साल 2 लाख से अधिक प्रसव दर्ज किए जाते हैं। महिला सशक्तिकरण विभाग की ओर से संचालित वन स्टॉप सेंटर, कामकाजी महिला हॉस्टल में बर्थ वेटिंग होम बनाए जाएंगे। इसके संचालन का खर्चा स्वास्थ्य विभाग की ओर से दिया जाएगा। इससे प्रदेश में मातृ एवं शिशु मृत्यु दर किया जा सकेगा। उत्तराखंड टीबी मुक्त बनाने के लिए मोबाइल मेडिकल यूनिट में पोर्टेबल एक्सरे मशीन स्थापित की जाएगी। इससे टीबी रोग की जांच सुलभ होगी। मुख्य सचिव डॉ. एसएस संधु ने भी इस संबंध में विभाग को दिशा-निर्देश दिए थे। बैठक में राष्ट्रीय अंधता निवारण कार्यक्रम के तहत जिला चिकित्सालय देहरादून व उप जिला चिकित्सालय मसूरी में आई ओटी के लिए उपकरणों की खरीदे जाएंगे। टिहरी व पिथौरागढ़ में एक-एक सचल नेत्र चिकित्सा वाहन का संचालन किया जाएगा। हीमोग्लोबिन कार्यक्रम के तह जनजातीय समुदाय में स्किल सेल स्क्रीनिंग शुरू की जाएगी। जिला चिकित्सालय बागेश्वर व बेस चिकित्सालय हल्द्वानी के ब्लड बैक के सुदृढ़ीकरण के लिए केंद्र को प्रस्ताव भेजा जाएगा।


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