भू वैकुण्ठ की धरती और जहां आदि गुरु शंकराचार्य ने रखी थी मठ की आधार शीला आज वहीं की धरती फट रही है जिसे देख आपके भी रौंगटे खडे हो जाएंगे। धरती धंसती जा रही है, और दरारें पड रही है, जिससे कई घर क्षतिग्रस्त हो गये हैं, घरों में दरारें पड़ गई और कई घरों की छत तक गिर गयी है, ऐसे में यहां रहने वाले लोग अब बेघरों जैसी जिंदगी जी रहे हैं, देखिये कैसे फट रहा धरती का सीना और कैसे मच रही धरती में हलचल ये खास रिपोर्ट।
जोशीमठ मे लगातार हो रहे भू धंसाव ने अब रोंद्र रूप लेना शुरू कर दिया है कई मकान श्रतिग्रस्त हो चुके हैं तो कई व्यवसायिक प्रतिष्ठना भी धरती के धसाव में टूट चुके हैं यही नहीं जमीन के अंदर से मटमैला पानी लगातार बाहर आने लगा है, जिससे लगातार खतरा बनता जा रहा है, लोग अब खौफ के साये में हैं, वहीं मकानों मे दरारें चौड़ी होती जा रही है, तो जमीन अब फटने लगी है। जिसको दैेख रौंगटे खडे हो ज-ाएंगे, यही नहीं बड़ती दरारों के चलते इमारतें आपस में चिपक गई है, और आगे दरार बढ़ने से इस होटल के निचले इलाकों मे रह रहे परिवारों को खतरे से बचाने के लिए प्रशासन ने अब तक छः परिवारों को सुरक्षित स्थानों पर शिफ्ट कर दिया है। भू धंसाव प्रभावित कुछ परिवार के लोगों ने जान जोखिम में डाल कर अपने घरों से कुछ सामान बाहर निकाला, वहीं प्रभावितों को नगर पालिका के कक्षों शिफ्ट कर दिया गया है। भूमि के फटने का क्रम दिन प्रतिदिन बढ़ता जा रहा है। वहीं जमींदोज होते भवनों के चलते अब लोग कंपकपाने वाली ठंड में आग के सहारे खुले आसमान में रहने को मजबूर हैं। जोशीमठ नगर में पिछले 4 महीनों से भू धवास बढता ही जा रहा है। अभी तक जोशीमठ में 570 मकानों में दरारें आ गई हैं जिनमें से 10 मकान पूरी तरह से टूटने के कारण इनमें रहने वाले लोगों ने अपने मकान तक खाली कर दिए हैं। वहीं अब जोशीमठ नगर के दो होटल भू धवास के करण झुकने लगे हैं जिस कारण इन दोनों होटलों के निचले भाग में बने 5 आवासीय मकानों में संकट गहराने गला है। वैसे बता दें कि भू धवास के कारण इन पांच में से 4 मकानों में दरारें आ रखी हैं । लेकिन लोगों को डर है कि यदि ये दोनो होटल टूटते हैं तो उनका जिन्दा रहना संभव नहीं होगा। वहीं सोमवार की देर रात्री इन होटलों से लगातार चटकने की आवाज आने के कारण लोग अपने घरों से बाहर आ गए , कडकडाती ठंड के बावजूद लोगों ने पूरी रात अलाव जलाकर सड़क के किनारे रात गुजारी। बता दें कि जोशीमठ नगर में भू धवास बढता ही जा रहा है। हर रोज नये नये मकान दकर रहे हैं। तो वहीं बदरीनाथ नेशनल हाईवे में भी जगह जगह दरार बढ़ने लगी है ऐसे में पूरा नगर डर के साये में जी रहा है।