नदी की भूमि पर अतिक्रमण मामले में हाईकोर्ट ने दिखाई सख्ती! राज्य सरकार और डीएम से मांगा जवाब

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नैनीताल हाईकोर्ट ने देहरादून के सुद्दोवाला में नदी भूमि का स्वरूप बदलकर उसमें अतिक्रमण किए जाने के खिलाफ दायर जनहित याचिका पर सुनवाई की मामले को सुनने के बाद मुख्य न्यायाधीश विपिन सांघी और न्यायमूर्ति मनोज कुमार तिवारी की खंडपीठ ने राज्य सरकार जिलाधिकारी और एमडीडीए से चार हफ्ते के भीतर जवाब पेश करने को कहा है साथ ही कोर्ट ने याचिकाकर्ता से वन विभाग को भी पक्षकार बनाने को कहा है अब मामले की अगली सुनवाई 20 मार्च को होगी.गौर हो कि देहरादून निवासी और समाजसेवी ज्ञान दास ने नैनीताल हाईकोर्ट में एक जनहित याचिका दायर की है। जिसमें उन्होंने कहा है कि भू अभिलेखों में यह दिखाया जा रहा है कि सुद्दोवाला में स्थित नदी भूमि साल 1997 से ही राजस्व भूमि में परिवर्तित हो गई। अब इस पर अतिक्रमण किया जा चुका है जबकि सूचना मांगने पर जिलाधिकारी खुद स्वीकार रहे हैं कि साल 1997 से लेकर 2009 तक की फाइल कहां गई और अमल बरामद में देरी क्यों हुई? यह बात उनके समझ में नहीं आई। याचिकाकर्ता ज्ञान दास के मुताबिक, मामले में जिलाधिकारी की ओर से ही मामले को संदिग्ध बताया गया है। याचिकाकर्ता का ये भी कहना है कि सुद्दोवाला में नदी भूमि का स्वरूप बदलने और अतिक्रमण का काम किसकी शह पर हो रहा है। इसकी भी जांच की जाए। लिहाजा आज सुनवाई के दौरान कोर्ट ने याचिकाकर्ता से वन विभाग को भी पक्षकार बनाने को आदेश दिया है साथ ही राज्य सरकार, देहरादून डीएम और मसूरी देहरादून विकास प्राधिकरण से जवाब मांगा है।


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