उत्तराखंड का जोशीमठ धंस रहा है जोशीमठ हिमालय की तलहटी में स्थित एक प्राचीन भूस्खलन के स्थल पर स्थित उत्तराखंड का एक छोटा सा शहर है। इन दिनों हाल ही में हुए निर्माण कार्यों के चलते यहां के घरों में अचानक से दरारें आनी शुरू हो गई हैं और धरती से जगह-जगह पानी निकल रहा है। इसके साथ ही सीएम ने आपदा प्रभावित क्षेत्रों का जायजा लिया। इसके साथ ही जोशीमठ-मलारी सीमा सड़क पर भी दरारें पड़ गईं हैं।
आध्यात्मिक और सामरिक दृष्टि से महत्वपूर्ण उत्तराखंड का प्राचीन शहर जोशीमठ जमीन धंसने की खबरों को लेकर पिछले कई दिनों से सुर्खियों में छाया है। जोशीमठ भू-धंसाव के मामले में केंद्र सरकार के साथ-साथ राज्य सरकार भी पूरी तरह से अलर्ट हो गई है। सीएम पुष्कर सिंह धामी लगातार स्थिति पर नजर बनाए हुए हैं। जोशीमठ में जमीन के धंसने और कई घरों में दरारें पड़ने की घटना के बाद सीएम पुष्कर सिंह धामी ने प्रभावित क्षेत्रों का सर्वेक्षण किया है। इसके साथ ही केंद्र सरकार ने जोशीमठ में जमीन धंसने की घटना को लेकर कमेटी गठित की है. ये समिति घटना और इसके प्रभाव की तेजी से स्टडी करेगी। जल शक्ति मंत्रालय की ओर से जारी एक कार्यालय ज्ञापन में कहा गया कि कमेटी में पर्यावरण और वन मंत्रालय, केंद्रीय जल आयोग, भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण और स्वच्छ गंगा मिशन के प्रतिनिधि शामिल रहेंगे।
जोशीमठ-मलारी सीमा पर सड़क पर दरारें: इसके साथ ही जोशीमठ-मलारी सीमा सड़क जो भारत-चीन सीमा को जोड़ती है, जोशीमठ में भूस्खलन के कारण कई स्थानों पर दरारें आ गई हैं। रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण जोशीमठ-मलारी सीमा सड़क मलारी टैक्सी स्टैंड के पास दरारें पड़ गईं हैं। इससे पहले शुक्रवार को सीएम पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में इस मसले को लेकर बैठक हुई इस बैठक में राज्य के डीजीपी, अपर मुख्य सचिव, अपर सचिव और आपदा अधिकारी भी शामिल हुए. पुष्कर धामी ने मीडिया से बात करते हुए कहा था कि जान बचाना पहली प्राथमिकता है। उत्तराखंड के जोशीमठ शहर में कई मकानों में दरारें आने के बाद कई परिवारों को सुरक्षित जगहों पर पहुंचाया गया है. अब तक जोशीमठ शहर के अलग-अलग क्षेत्रों में 561 घरों में दरारें आई हैं।