कांग्रेस के एक बड़े नेता ने पार्टी को डुबाया, कांग्रेस के पूर्व प्रदेश प्रवक्ता ने लगाया पार्टी पर परिवारवाद का आरोप

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रुद्रप्रयाग। उत्तराखंड में कांग्रेस को एक बड़े महत्वकांक्षी नेता द्वारा पार्टी हाईकमान पर लगातार दबाव बनाए जाने के कारण एक बार पुनः राज्य में सत्ता से बाहर रहना पड़ रहा है, जिसका मलाल कांग्रेस कार्यकर्ताओं को लंबे समय तक रहेगा। साथ ही राज्य में संपंन हुए विधानसभा चुनाव में कुप्रबंधन भी हार की बड़ी वजह रही है।

यहां जारी बयान में उत्तराखंड कांग्रेस के पूर्व प्रदेश प्रवक्ता सूरज नेगी ने कहा की उत्तराखंड में जनता बदलाव चाहती थी, लेकिन पार्टी के भीतर ही इस प्रकार के घटनाक्रम खड़े किए गए, जिससे जनता ऐन चुनाव के समय पर कांग्रेस से दूर खिसक गई और चुनाव परिणाम कांग्रेस के अनुरूप नहीं रहे। जिससे राज्य भर में कांग्रेस कार्यकर्ता अचंभे में पड़ गए हैं। नेगी ने इस घटनाक्रम के लिए पार्टी के वरिष्ठ नेताओं को जिम्मेदार माना है। उन्होंने कहा कि पार्टी के एक बड़े नेता की जिद मुख्यमंत्री के चेहरे को लेकर पार्टी पर दबाव बनाना भी भारी पड़ा। इसके साथ ही कई जिताऊ प्रत्याशियों के टिकटों में छेड़छाड़ भी भारी पड़ी। यही नहीं पार्टी के इस बड़े नेता के पूरे परिवार को पीसीसी में पदाधिकारी बनाए गए। साथ ही एक परिवार एक टिकट के फार्मूले को भी अंतिम क्षणों में धत्ता बताकर अपने परिवार के सदस्य को टिकट दिला दिया, जिससे आम जनता में गलत संदेश चला गया। इसके साथ ही उत्तराखंड प्रदेश कांग्रेस कार्यालय भवन में पदाधिकारियों के कक्षों पर ताला लगाना भी भारी पड़ा। 

उन्होंने कहा कि उत्तराखंड पीसीसी में स्थान पाने के लिए संघर्षशील कार्यकर्ताओं को जहां स्थान नहीं मिला, वहीं एक बड़े नेता का पूरा परिवार ही कांग्रेस में सेटल हो गया। नेगी ने कहा कि क्यों बार-बार कांग्रेस पार्टी में टिकट बेचने की बातें चलती हैं। साथ ही जहां एक ओर कांग्रेस पार्टी अपने अस्तित्व की लड़ाई लड़ रही है, तो कुछ लोग पार्टी को अंदर से खोखला करने का कार्य कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि इस चुनाव में कांग्रेस भवन में रंग रोगन व मरम्मत को लेकर तथा कांग्रेस मुख्यालय पर लगाई गई एलईडी के नाम पर भी बड़ा घोटाला किए जाने की खूब चर्चा चल रही है, जो कि कांग्रेस पार्टी के लिए बहुत खेद जनक बात है। उन्होंने पार्टी हाईकमान द्वारा चुनावी हार के लिए प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष के इस्तीफा लिए जाने का भी स्वागत करते हुए पार्टी हाईकमान से मांग की है कि तमाम संगठन नियुक्तियों की भी जांच होनी चाहिए। साथ ही प्रदेश के सभी बड़े नेताओं से आग्रह किया कि वे पार्टी के सर्व मान्य नेता राहुल गांधी से एक शिष्टमंडल के साथ मुलाकात कर राज्य की वास्तविक स्थिति से उन्हें अवगत कराएं तथा प्रदेश स्तर से लेकर जिला व ब्लॉक स्तर पर नए संगठन का ढांचा तैयार कर फिर से कांग्रेस को मजबूत करने की दिशा में कार्य कराया जाए, अन्यथा कार्यकर्ता पार्टी की मुख्यधारा से दूर होता चला जाएगा। उन्होंने कहा कि पार्टी को अभी भी संभालने की जरूरत है। आगामी वर्ष में नगर निकाय और फिर लोकसभा चुनाव होने हैं। ऐसे में संगठन को मजबूर करने की जरूरत है और महत्वकांक्षी नेताओं को बाहर का रास्ता दिखाया जाना जरूरी है। तभी जाकर कांग्रेस अपना खोया हुआ जनाधार वापस ला सकती है।


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