हरिद्वार में 2010 में हुए पुस्तकालय घोटाले में सुनवाई कर रहे नैनीताल हाईकोर्ट ने मदन कौशिक और साथ ही इंजीनियर ग्रामीण रामजी लाल को नोटिस दिया है और 20 अप्रैल तक अदालत को जवाब देने का आदेश दिया है।
मालूम हो कि मदन कौशिक पर आरोप है कि अपने पुराने कार्यकाल में पुस्तकालय निर्माण में उन्होंने भारी गड़बड़ियां की है। याचिका दाखिल करने वाले व्यक्ति सच्चिदानंद डबराल ने बताया है कि मदन कौशिक द्वारा 11 पुस्तकालयों का निर्माण होना था, भूमि पूजन से लेकर फाइनल पेमेंट सब कुछ हो गया था लेकिन जमीनी हकीकत में कोई भी काम नहीं दिखा।