नैनीताल। उत्तराखंड हाई कोर्ट ने हरिद्वार में गंगा माता कुष्ठ आश्रम के कुष्ठ रोगियो के पक्के आवासों को 17 नवम्बर 2017 को राष्ट्रपति के दौरे में तोड़े जाने के खिलाफ दायर जनहित याचिका की सुनवाई करते हुए कोर्ट ने जिलाधिकारी हरिद्वार व डवलपमेंट अथॉरिटी से इनके पुनर्वास के लिए जमीन तलाशने के निर्देश दिए है। साथ ही राज्य कुष्ट उन्मूलन अधिकारी को नोटिस जारी कर कहा है कि कुष्ठ रोगियों के उत्थान के अब तक क्या कदम उठाए है 2 सप्ताह में विस्तृत रिपोर्ट पेश करने को कहा है।
आपको बतादे कि हरिद्वार की एक्ट नाव वेलफेयर सोसायटी ने हाई कोर्ट में जनहित याचिका दायर कर कहा है कि 17 नवम्बर 2018 को रास्ट्रपति के हरिद्वार आगमन पर गंगा माता कुष्ठ रोगियो के पक्के आवासो को प्रशाशन ने तोड़ दिया ताकि रास्ट्रपति उनको न देख सके। उनके लिए ये पक्के आवास इंग्लैंड की एस एन जे ट्रस्ट द्वारा 20 लाख रूपये खर्च करके बनाये गए थे। इसके बाद ये कुष्ठ रोगी जाड़ा वर्षात व गर्मी में सड़क के किनारे झोपडी बनाकर रह रहे है और सरकार ने अभी तक इनकी रहने की व्यव्स्था नही की है। कोर्ट ने सुनवाई के दौरान कहा कि कुष्ठ रोगी समाज के निचले स्तर से तालुक रखते है उनकी इस समस्या को कोर्ट प्राथमिकता सुनवाई करेगी।
उत्तराखण्डः हाईकोर्ट ने राज्य कुष्ट उन्मूलन अधिकारी को जारी किया नोटिस! कुष्ठ रोगियों के उत्थान में अब तक क्या कदम उठाए? दो सप्ताह में पेश करें विस्तृत रिपोर्ट
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