अभिनेत्री वाणी कपूर ने भी फिल्मी दुनिया में काफी धमाल मचाया है, फिल्म ‘वॉर’ में ऋतिक रोशन और आभा मंडल के साथ लगातार दमक बरकरार रखकर वाणी कपूर ने फिल्मी दुनिया में एक नया अंदाज जमा दिया है, वहीं वाणी का इस बरसाती सीजन में अगला इम्तिहान शुरु होने वाला है। अगले महीने के तीसरे शुक्रवार यानी 22 जुलाई को वह बड़े परदे पर खूब कटीली नचनिया बनकर लौटने वाली हैं। वह रामगढ़ से तो नहीं है लेकिन उनका नाता डकैतों से ही बनने वाला है। एक खतरनाक लेकिन रौबदार डाकू और एक डेरा लेकर गांव गांव घूमने वाली नचनिया की इस प्रेम कहानी का नाम है ‘शमशेरा’। निर्देशक करन मल्होत्रा की इस एक्शन फिल्म में रणबीर कपूर के साथ जोड़ी जमाने जा रहीं वाणी कपूर अपनी फिल्म की रिलीज की तैयारियां शुरू हो जाने से बहुत उत्साहित हैं।
फिल्म का ट्रेलर तैयार हो चुका है। शुक्रवार को तीन शहरों में एक साथ रिलीज होने जा रहे इस ट्रेलर की पहली झलक जिसने भी देखी है, वह वाणी के किरदार की तारीफ किए बिना नहीं रह पा रहा है। फिल्म ‘शमशेरा’ में वाणी के किरदार पर ज्यादा कुछ किसी ने अब तक कहा नहीं है। ‘अमर उजाला’ को इस बात की एक्सक्लूसिव जानकारी मिली है कि इस किरदार के लिए वाणी ने न सिर्फ बहुत मेहनत की है बल्कि अवध से खास एक ट्रेनर को इस फिल्म में उनके किरदार के संवाद बोलने के प्रशिक्षण के लिए वाणी के साथ लगाया गया। आजादी के पहले की इस कहानी का कनेक्शन उत्तर भारत के उन बागियों से है जिन्हें अंग्रेजों की पुलिस डकैत कहती रही और गांव वाले उनमें भी अपना सहारा तलाशते रहे। अपने किरदार के बारे में वाणी कहती हैं, ‘मुझे खुशी है कि इस फिल्म की रिलीज की तारीख पास आ गई है। ये एक ऐसी कहानी है जो पूरे देश के दर्शकों के दिलों को सीधे छू लेगी।
कहानी का रंग और दर्द ऐसा है कि इसके असर से लोग बच नहीं पाएंगे। अभिनेत्री वाणी कपूर को लोगों ने उनकी पिछली फिल्म ‘चंडीगढ़ करे आशिकी’ में भी खूब पसंद किया। एक ट्रांसजेंडर के किरदार में वाणी ने दर्शकों और समीक्षकों की खूब वाहवाही लूटी। किरदारों को लेकर अपनी ईमानदारी पर वह कहती हैं, ‘मेरा पूरा फोकस मेरे हाथ में दी गई स्क्रिप्ट पर रहता है। एक बार कहानी चुन लेने के बाद मुझे निर्देशक की कल्पना को परदे पर साकार करना होता है और मैं अपनी हर फिल्म में वही करने की कोशिश करती हूं। मुझे लगता है कि नई पीढ़ी की नायिकाएं भाग्यशाली हैं कि उनके हिसाब से इन दिनों दमदार महिला किरदार खूब लिखे जा रहे हैं। सिनेमा में जो दिखता है, उसका समाज पर असर होता है और समाज में महिलाओं के लिए सकारात्मक जगह बनाने की इस भागीदारी में हम सब साथ साथ हैं।