रांसी-महापंथ-केदारनाथ ट्रेक से 13 दिन बाद भी नहीं लाया जा सका ट्रेकर का शव, हेलीकॉप्टर नहीं मिलने से रुका रेस्क्यू

Spread the love

रुद्रप्रयाग के रांसी-महापंथ-केदारनाथ ट्रेक से पिछले 13 दिन से बंगाल के ट्रेकर का शव अभी तक नहीं निकाला जा सका है। ट्रेकर का शव केदारनाथ से 6 किमी दूर महापंथ ट्रेक पर टेंट के अंदर रखा हुआ है। जिला आपदा प्रबंधन का कहना है कि शासन स्तर से हेलीकॉप्टर उपलब्ध न कराए जाने से शव को नहीं निकाला जा सका है।

आपको बता दें कि बंगाल का एक ट्रेकिंग दल रांसी से होते हुए महापंथ-केदारनाथ के लिए 2 अक्टूबर को रवाना हुआ था। इसमें कुल 10 सदस्य शामिल थे इस दल के 8 सदस्य सुरक्षित केदारनाथ धाम पहुंच गए थे। जबकि दो सदस्य केदारनाथ से लगभग 6 किलोमीटर दूरी पर फंस गए थे। इसमें एक ट्रेकर की मौत हो गई थी। जिसका शव अभी उसी स्थान पर है जबकि दूसरे ट्रेकर को रेस्क्यू टीम लेकर लौटी थी। केदारनाथ धाम से 6 किमी की दूरी पर बंगाल के ट्रेकर आलोक विश्वास पुत्र बबूल विश्वास निवासी नीचूताला सगुना वेस्ट बंगाल की 10 अक्टूबर को मौत हो गई थी। लेकिन मौत के 13 दिन बाद भी अभी तक शव को नहीं निकाला जा सका है। इस क्षेत्र में लगातार बर्फबारी हो रही है जबकि जिस स्थान पर शव है वह रास्ता भी काफी खतरनाक है। हेली से ही शव को लाया जाना है हेली की अनुमति के लिए जिला आपदा प्रबंधन विभाग शासन से संपर्क किया है लेकिन हेली उपलब्ध न होने की वजह से शव वहीं ट्रेक पर पड़ा हुआ है। शव को 13 दिन बाद भी न निकाले जाने से सरकारी तंत्र की पोल खुल रही है हालांकि दावा किया जा रहा है कि शव को टेंट के अंदर रखा गया है लेकिन सुरक्षित है या नहीं इसका पता नहीं। इससे पूर्व डीडीआरएफ और एनडीआरएफ के साथ ही चार पोर्टर की संयुक्त टीम 10 अक्टूबर को घायल ट्रेकर विक्रम मजूमदार को रेस्क्यू टीम केदारनाथ लाने में जरूर सफल रही। उपचार के बाद उसका स्वास्थ्य ठीक है।


Spread the love