उत्तराखंड में सड़क हादसों पर लगाम लगाने के लिए मैदान में उतरेंगी 30 ई-चालान मशीन युक्त बाइक, रडार-गन से तेज रफ्तार वाले वाहनों पर होगी कार्रवाई

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देहरादून। उत्तराखंड में सड़क हादसों पर लगाम लगाने के लिए मैदान में 30 ई-चालान मशीन युक्त बाइक उतरेंगी। इन पर बाइकों पर सीनियर सुपरवाइजर और प्रवर्तन सिपाही तैनात रहेंगे। तेज रफ्तार वाले वाहनों पर कार्रवाई के लिए इन्हें रडार-गन भी दी जाएंगी। आठ-आठ घंटे की तीन शिफ्ट में यह बाइक दल 24 घंटे कार्रवाई करेंगे। इसके लिए एचडीएफसी बैंक की ओर से परिवहन विभाग को सीएसआर फंड से 90 ई-चालान डिवाइस उपलब्ध कराई जा रही हैं। इसी क्रम में बुधवार को परिवहन मुख्यालय में बैंक के अधिकारियों की ओर से सीनियर सुपरवाइजर व प्रवर्तन सिपाहियों को मशीन चलाने का प्रशिक्षण दिया गया।

परिवहन उपायुक्त सुधांशु गर्ग ने बताया कि ई-चालान बाइक के जरिये परिवहन नियम तोड़ने वाले बाइक व कार चालकों पर मुख्य फोकस किया जाएगा। विभाग ने दो बाइक खरीद ली हैं, जबकि 28 बाइक खरीदने के लिए शासन से अनुमति ली जा रही है। इसके बाद दोपहिया पर तीन सवारी, बिना हेलमेट वाहन चलाना, कार में सीट बेल्ट न लगाना या बेकाबू रफ्तार व नशे में वाहन चलाने आदि पर कार्रवाई में तेजी जाएगी। बताया जा रहा कि विभाग की ओर से पहली बार प्रवर्तन कार्य में सीनियर सुपरवाइजर की तैनाती की जा रही। इस दौरान एआरटीओ मुख्यालय आनंद जायसवाल भी मौजूद रहे।

ड्राइविंग लाइसेंस टेस्ट के स्लाट बढ़ाने जा रहा परिवहन विभाग
परिवहन विभाग देहरादून में लिए जा रहे ड्राइविंग लाइसेंस टेस्ट के स्लाट बढ़ाने जा रहा है। वर्तमान में दून आरटीओ में लर्निंग लाइसेंस के रोजाना 100 स्लाट हैं, जबकि परमानेंट लाइसेंस के 150 स्लाट आवंटित किए जा रहे हैं। आरसीसी के प्रोजेक्ट मैनेजर व सहायक अभियंता को गुरुवार को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। आरटीओ प्रशासन दिनेश चंद्र पठोई ने बताया कि आवेदक लगातार स्लाट की संख्या बढ़ाने की मांग कर रहे। ऐसे में लर्निंग लाइसेंस के स्लाट को बढ़ाकर 150 करने का विचार चल रहा है। चूंकि, परमानेंट लाइसेंस का टेस्ट आइटीडीआर झाझरा में होता है, लिहाजा वहां के प्रबंधन से वार्ता के बाद परमानेंट लाइसेंस के स्लाट बढ़ाने का निर्णय लिया जाएगा।


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