राजनीति का अखाड़ा बना न्याय के देवता गोल्जू का मंदिर

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जनपद नैनीताल के हल्द्वानी शहर के बीचोंबीच स्थित पर्वतीय उत्थान मंच की भूमि में बने उत्तराखंड के न्याय के देवता गोल्जू के मंदिर पर इन दिनों राजनीति चल रही है. मंदिर समिति के दो पक्ष आमने-सामने आने के चलते पिछले कई दिनों से माहौल खराब हुआ है। जिसको देखते हुए पुलिस ने मंदिर परिसर में भारी फोर्स भी तैनात की है। मंदिर समिति के पदाधिकारियों ने सत्ता पक्ष के कुछ लोगों पर मंदिर परिसर के अंदर शिव मंदिर का निर्माण करा कर भूमि कब्जा करने का आरोप लगाया है।

मंदिर समिति के लोगों का कहना है न्याय के देवता गोल्जू भगवान के मंदिर के पास कोई अन्य मंदिर नहीं बनाया जा सकता है ऐसे में दो पक्ष आमने-सामने हैं। मामला मुख्यमंत्री के दरबार तक पहुंचने के बाद प्रशासन ने मंदिर में रिसीवर तैनात कर दिया है। मंदिर समिति ने रिसीवर तैनात करने का विरोध शुरू कर दिया। जिसके बाद स्थानीय विधायक बंशीधर भगत के हस्तक्षेप के बाद प्रशासन द्वारा तैयार किए गए रिसीवर को हटा दिया गया। समिति के अधिकारियों ने आज समिति से जुड़े लोगों के साथ मंदिर परिसर में बैठक का आयोजन किया। जिसमें कहा कुछ लोगों की मंशा है कि मंदिर परिसर की भूमि को कब्जा किया जाए. जिसके उद्देश्य से शिव मंदिर बनाने का काम किया जा रहा है। मंदिर समिति से जुड़े लोगों का कहना है रात के अंधेरे में कुछ लोगों ने दबंगई के बल पर मंदिर परिसर के अंदर में शिव मंदिर का निर्माण कर दिया जो सरासर गलत है। मंदिर समिति के लोगों ने कहा कि पर्वतीय उत्थान मंच केवल पर्वतीय समाज के लोगों के लिए बनाया गया है लेकिन कुछ लोग इस भूमि को कब्जा करने के उद्देश्य से राजनीति कर रहे हैं। वही मौके पर पहुंचे विधायक बंशीधर भगत और उपजिलाधिकारी मनीष कुमार ने समिति के पदाधिकारियों के साथ बैठक कर मामले को खत्म करने की अपील की। विधायक बंशीधर भगत की अपील के बाद प्रशासन ने मंदिर से रिसीवर को हटा लिया है।


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