हाईकोर्ट ने सरकार पर लगाया 20 हजार का जुर्माना, PWD के इंजीनियर से जाएगा वसूला

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उत्तराखंड हाईकोर्ट ने पूर्व के आदेश का पालन न करने पर सरकार पर नाराजगी जताई है। इतना ही नहीं कोर्ट ने सरकार पर 20 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया है। पूरा मामला तल्लीताल के कृष्णापुर क्षेत्र को सड़क से जोड़ने को लेकर जुड़ा है।

नैनीताल के तल्लीताल के कृष्णापुर क्षेत्र को सड़क से जोड़ने की मांग को लेकर उत्तराखंड हाईकोर्ट में दायर जनहित याचिका पर सुनवाई हुई। करीब 10 महीने पहले दिए अपने आदेश का पालन न होने पर हाईकोर्ट ने नाराजगी जताई और सरकार पर 20 हजार रुपए का जुर्माना ठोका। यह जुर्माना लोक निर्माण विभाग नैनीताल के संबंधित इंजीनियर से वसूला जाएगा। याचिका की सुनवाई मुख्य न्यायधीश विपिन सांघी और न्यायमूर्ति राकेश थपलियाल की खंडपीठ में हुई.दरअसल, कृष्णापुर के पूर्व सभासद डीएन भट्ट ने हाईकोर्ट में एक जनहित याचिका दायर की है। जिसमें उन्होंने कहा कि कृष्णापुर को नैनीताल से जोड़ने वाला मार्ग रईस होटल के पास हुए भूस्खलन में बह गया था। क्षेत्र के स्कूली बच्चे, कर्मचारी समेत अन्य लोग जेल की ओर से पैदल नैनीताल आ रहे हैं लेकिन वरिष्ठ नागरिकों अस्वस्थ जनों व गर्भवती महिलाओं को वीरभट्टी, ज्योलीकोट होते हुए नैनीताल जाना पड़ रहा है।

याचिकाकर्ता का कहना है कि कृष्णापुर और वीरभट्टी के बीच भी मार्ग बारिश में बंद हो जाता है जिससे आपातकालीन स्थिति में सड़क मार्ग तक पहुंचना मुश्किल होता है। जबकि, इस क्षेत्र की आबादी 4 हजार से ज्यादा है. हाईकोर्ट के निर्देश पर लोक निर्माण विभाग नैनीताल ने हल्द्वानी रोड को कूड़ा खड्ड से कृष्णापुर को संपर्क मार्ग से जोड़ने का प्रस्ताव बनाया था। याचिकाकर्ता के मुताबिक, बीते साल 29 जून को हाईकोर्ट ने सरकार (लोक निर्माण विभाग) नैनीताल से इस बारे में चार हफ्ते के भीतर स्टेट्स रिपोर्ट कोर्ट में पेश करने के निर्देश दिए थे लेकिन यह रिपोर्ट अब तक भी पेश नहीं हुई है, जिस पर मुख्य न्यायाधीश की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने लोक निर्माण विभाग के संबंधित इंजीनियर पर 20 हजार का जुर्माना लगाया। कोर्ट ने निर्देश दिया है कि जुर्माना जमा होने के बाद स्टेट्स रिपोर्ट कोर्ट में पेश की जाए।


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