प्रदेश के फ्रंटलाइन हेल्थ वर्कर्स ने उठाई समायोजित करने की मांग! आंदोलन की चेतावनी

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उत्तराखंड प्रदेश में कोरोनाकाल में फ्रंटलाइन वर्कर्स ने काफी बेहतर कार्य किया।उन्होंने दिन-रात एक कर लोगों की सेवा की। लेकिन उन्हें सरकार की ओर से समायोजित नहीं किया गया जिससे उनमें खासा रोष है। अब इससे नाराज स्टेट फ्रंटलाइन हेल्थ वर्क्स यूनियन के कर्मचारियों ने मांगों को लेकर आंदोलन की चेतावनी दी है।

स्टेट फ्रंटलाइन हेल्थ वर्क्स यूनियन ने विभाग में समायोजित किए जाने की मांग उठाई है। कोरोनाकाल में फ्रंटलाइन हेल्थ वर्कर्स द्वारा लाखों लोगों की जिंदगी बचाई गई। जिसकी सराहना राज्य सरकार ने अलग-अलग मंचों से की। लेकिन सरकार द्वारा इन हेल्थ वर्कर्स को अभी तक समायोजित नहीं किया गया है। हेल्थ वर्कर्स ने आरोप लगाया कि सरकार द्वारा जारी किए गए शासनादेश में अब तक विभाग द्वारा इस मामले में उचित कार्रवाई तक नहीं की गई है। जिससे कर्मचारी अपने भविष्य को लेकर चिंतित हैं.उग्र आंदोलन की चेतावनी। हालांकि कुछ कोरोना वर्कर्स को सरकार ने जरूर समायोजित किया था। लेकिन अभी भी करीब 600 कर्मचारी बेरोजगार ही बैठे हैं। वहीं फ्रंटलाइन हेल्थ वर्कर्स के समर्थन में आए पूर्व कैबिनेट मंत्री हीरा सिंह बिष्ट का कहना है कि सरकार द्वारा कर्मचारियों को अभी तक स्वास्थ्य विभाग में समायोजित नहीं किया गया जो बेहद निंदनीय है। बिष्ट ने कहा कि अगर आगामी दिनों में सरकार ने इन्हें स्वास्थ्य विभाग में तैनाती नहीं दी तो उनके नेतृत्व में सरकार के खिलाफ बड़ा आंदोलन किया जाएगा।

वही यूनियन के प्रदेश अध्यक्ष संजय सिंह कोरंगा का कहना है कि राज्य सरकार द्वारा जारी किए गए शासनादेश में अब तक विभाग द्वारा उचित कार्रवाई नहीं की गई है। जिससे कर्मचारी अपने भविष्य को लेकर चिंतित हैं। ऐसे में अब तक कई कर्मचारियों को नियुक्ति भी नहीं दी गई है। उन्होंने कहा कि जिन कोरोना योद्धाओं को 15 सितंबर 2022 के आदेश के तहत 6 माह का सेवा विस्तार दिया गया था सरकार द्वारा उन कर्मचारियों को 6 माह का सेवा विस्तार देने के साथ ही समायोजित किए जाने का भी आश्वासन दिया गया था।


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