6 साल के लिए एनएसयूआई से निलंबित किए गए छात्र नेताओं ने अपने निष्कासन का विरोध किया है। छात्र नताओं ने चेतावनी दी है कि निष्कासन वापस नहीं लिया तो राहुल गांधी और कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़के से मुलाकात करेंगे।
13 फरवरी को कांग्रेस भवन में एनएसयूआई के पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं में आपस में जमकर मारपीट हुई थी। जिसके बाद मंगलवार को संगठन के केंद्रीय नेतृत्व ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए एनएसयूआई के चार पदाधिकारियों पर कार्रवाई करते हुए उन्हें 6 साल के लिए निष्कासित कर दिया। वहीं छात्र नेताओं ने मीडिया के समक्ष आकर अपने निष्कासन का विरोध जताते हुए अपना पक्ष रखा है। निष्कासित किए गए छात्र नेताओं का कहना है कि राष्ट्रीय अध्यक्ष नीरज कुंदन का इसलिए विरोध किया जा रहा था क्योंकि प्रदेश अध्यक्ष विकास नेगी की नियुक्ति अवैध तरीके से की गई है। इस मामले में निलंबित किए गए चमोली के जिलाध्यक्ष रहे संदीप नेगी ने कहा कि विकास नेगी को उत्तराखंड कि एनएसयूआई का प्रदेश अध्यक्ष नियुक्त किया गया है। लेकिन विकास नेगी ने डीएवी पीजी कॉलेज के छात्रसंघ चुनाव में परोक्ष रूप से अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के अध्यक्ष पद के उम्मीदवारों का खुला समर्थन देकर एनएसयूआई के प्रत्याशियों को हराने का काम किया था।
विश्वविद्यालय महासंघ चुनाव में भी विकास नेगी ने एबीवीपी के प्रत्याशियों का समर्थन करते हुए संगठन को नुकसान पहुंचाया था। इसकी शिकायत समय-समय पर प्रदेश और राष्ट्रीय स्तर के पदाधिकारियों से कई बार की गई। किंतु इस ओर ध्यान ना देकर उल्टे विकास नेगी को एनएसयूआई का प्रदेश अध्यक्ष बना दिया गया। संदीप नेगी का कहना है कि संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष नीरज कुंदन जब देहरादून के दौरे पर पहुंचे तो विकास नेगी को प्रदेशध्यक्ष बनाए जाने के खिलाफ कुछ छात्र नेता और कार्यकर्ता उनसे मिलने कांग्रेस भवन जा रहे थे। तभी हमारे और कार्यकर्ताओं के साथ मारपीट शुरू कर दी गई।
उन्होंने आरोप लगाया कि संगठन के केंद्रीय नेतृत्व ने एकतरफा कार्रवाई करते हुए हमें 6 साल के लिए निलंबित कर दिया। जबकि दूसरे पक्ष पर कोई भी अनुशासनात्मक कार्रवाई नहीं की गई जिसका वह घोर विरोध करते हैं। निष्कासित किए गए छात्र नेताओं का कहना है कि हम विगत 10 वर्षों से संगठन में दिन-रात अपनी सेवाएं देते हुए कांग्रेस पार्टी को मजबूत कर रहे हैं लेकिन जो व्यक्ति संगठन विरोधी गतिविधियों में शामिल रहे उनको संगठन में पुरस्कृत किया जा रहा है। निलंबित किए गए छात्र नेताओं का कहना है कि यदि राष्ट्रीय नेतृत्व की ओर से उनका निष्कासन वापस नहीं लिया जाता है तो ऐसी स्थिति में राहुल गांधी और कांग्रेस पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़के से मुलाकात करके इस पूरे घटनाक्रम को उनके समक्ष रखा जाएगा। ताकि कांग्रेस पार्टी को उत्तराखंड में होने वाले नुकसान से बचाया जा सके।