उत्तराखंड में आसमान से हटा बादलों का पहरा! धूप-छांव जैसा मौसम रहने का अनुमान

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उत्तराखंड में मानसून की शूरुआत के बाद से ही भारी वर्षा का दौर बरकरार रहा है। भारी वर्षा से पहाड़ दरक रहे हैं। दर्जनों गांव भूस्खलन की जद में हैं। मलबा आने और सड़क टूटने से दर्जनों मार्ग भी अवरुद्ध हैं। उसपर भूस्खलन प्रभावित क्षेत्र में मार्गों पर निरंतर पहाड़ियों से पत्थर बरस रहे हैं। वहीं अगर मौसम की बात करें तो प्रदेश में आज मौसम साफ रहेगा। कई जगहों पर बीच-बीच में बादल छाए रहने का अनुमान है। रुड़की में आज आसमान में बादल छाए रह सकते हैं।

वहीं अगर यात्रा की बात करें तो आने वाले माह यानी सितंबर में केदारनाथ यात्रा का दूसरा चरण शुरू हो जाएगा, लेकिन पिछले दिनों हुई भारी वर्षा से गौरीकुंड हाईवे व केदारनाथ पैदल मार्ग का जो हाल है उससे श्रद्धालुओं की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। भूस्खलन और भूधंसाव के चलते गुप्तकाशी से गौरीकुंड के बीच 58 किमी लंबा हाईवे कई स्थानों पर खतरनाक हो गया है। कई स्थान ऐसे हैं, जहां सिंगल लेन सड़क ही बची है। ऐसी ही स्थिति 16 किमी लंबे केदारनाथ पैदल मार्ग की भी है। गौरीकुंड हाईवे पर सात भूस्खलन क्षेत्र भी परेशानी खड़ी कर रहे हैं। फिलहाल, प्रशासन हाईवे व पैदल मार्ग दुरुस्त करने में जुटा है। केदारनाथ धाम पर अब तक 12 लाख से अधिक यात्री पहुंच चुके हैं। धाम के कपाट 25 जून को खुले थे और अभी ढाई माह से अधिक केदारनाथ की यात्रा चलेगी।प्रदेश में बरसात ने इस बार पर्यटन व्यवसाय पर भी पानी फेर दिया। अतिवृष्टि और आपदा के चलते जुलाई-अगस्त में बेहद कम सैलानी उत्तराखंड पहुंचे। मसूरी, चकराता, लैंसडौन जैसे प्रमुख पर्यटन स्थलों पर भी सन्नाटा पसरा हुआ है जिससे पर्यटन व्यवसायी मायूस हैं।


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