भवाली –चुनाव के बड़े बड़े वादों को आईना दिखाती सूबे की स्वास्थ्य सुविधाएं…. दो घंटे एम्बुलेंस के इंतजार के बीच सड़क पर ही गूंजी किलकारी , पहाड़ में मौजूद स्वास्थ्य सुविधाओं की खुली पोल

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भवाली: राज्य गठन के इतने साल बाद भी पहाड़ में स्वास्थ्य सुविधाओं की स्थिति बेहद खराब हैं, आए दिन पहाड़ी क्षेत्रों में उपचार और एंबुलेंस के आभाव में किस तरह गर्भवती महिलाओं और उनके परिजनों को दिक्कत झेलनी पड़ती हैं ये पीड़ा किसी से छुपी नहीं है। ऐसा ही एक ताजा मामला भवाली के समीपवर्ती क्षेत्र भूमियाधार में देखने को मिला है जहां यहां एक गर्भवती महिला ने एम्बुलेंस के इंतजार में बीच सड़क पर ही बच्चे को जन्म दे दिया।

जानकारी के मुताबिक मल्ला भूमियाधार निवासी मनोज आर्य की पत्नी निर्मला आर्य गर्भवती थी। जिसे गुरूवार की सुबह नौ बजे अचानक प्रसव पीड़ा होने लगी। जिस पर परिजनों ने एम्बुलेंस को फोन किया। लेकिन काफी देर इंतजार के बाद भी एंबुलेंस नहीं पहुंची। करीब दो घंटे के इंतजार के बाद भी जब एंबुलेंस नहीं आई तो परिजन महिला को खुद ही अस्पताल पहुंचाने लगे। लेकिन इस दौरान महिला को प्रसव पीड़ा शुरू हो गई और महिला ने प्रसव पीड़ा के बीच सड़क में ही एक बच्चे को जन्म दे दिया। घंटो इंतजार के बाद भी एम्बुलेंस के न पहुंचने पर परिजनों व ग्रामीणों ने रोष व्यक्त किया ।

गांव की आशा कार्यकर्ती हंसी टम्टा ने बताया कि प्रसूता के फोन आते ही वह उनके घर गई। जिसके बाद उन्होंने 108 को फोन किया लेकिन काफी देर तक एम्बुलेंस नहीं पहुंची। और फोन करने पर 108 वाले स्थानीय एम्बुलेंस का टॉयर पंक्चर होने का हवाला देते रहे।

वहीं सामाजिक कार्यकर्ता पंकज बिष्ट ने बताया कि प्रसूता ने कई बार 108 को फोन किया, लेकिन एंबुलेंस नहीं पहुंची। इसके चलते महिला को सड़क पर ही बच्चे को जन्म देना पड़ा। दोनों को अस्पताल पहुंचाया गया। जहां से डॉक्टरों ने प्राथमिक उपचार के बाद महिला व बच्चे को हल्द्वानी रेफर कर दिया।


भवाली स्वास्थ्य केंद्र की डॉक्टर अरीता सक्सेना ने बताया कि महिला ने सात माह में बच्चे को जन्म दिया है। फिलहाल उपचार के बाद मां-बच्चे को एसटीएच हल्द्वानी रेफर कर दिया है।

सामाजिक कार्यकर्ता पंकज बिष्ट

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