आंकिता भंडारी मामले के बाद केदार भंडारी मामले ने भी पुलिस कार्यप्रणाली पर खड़े किए कई सवाल! बुजुर्ग मां ने पूछा- पुलिस बताए, कहां है मेरा केदार?

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उत्तरकाशी के चौड़ियाल (डूंडा) निवासी लक्ष्मण भंडारी और उनकी पत्नी डबली देवी गुरुवार को गांधी पार्क में धरने पर बैठे। परिजनों ने बताया कि केदार भंडारी कोटद्वार अग्निवीर भर्ती में गया था। 20 अगस्त को ऋषिकेश लौटा। तब उससे फोन पर बात हुई थी। केदार ने बताया था कि वह ऋषिकेश घूम रहा है। फिर दो दिन उससे परिजनों का संपर्क नहीं हो पाया। 22 अगस्त को पुलिस ने परिजनों को बताया कि लक्ष्मण झूला पुलिस ने चोरी के इल्जाम में उसे पकड़ा था।

वही पुलिस के अनुसार केदार भंडारी ने थाने से भागकर पुल से गंगा में छलांग लगा तब से उसके बारे में कोई जानकारी नहीं है। पिता लक्ष्मण का कहना है कि पुलिस की पूरी कहानी पर संदेह है। हम प्रशासन की कार्रवाई से संतुष्ट नहीं हैं। अगर वह गंगा में कूदा तो उसका शव क्यों बरामद नहीं हो पाया। अगर चोरी हुई तो उसकी तहरीर कहां है। वही इस मामले में हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई है। इस पूरे प्रकरण में उत्तराखंड पुलिस की भूमिका सवालों के घेरे में है। उधर धरने पर बैठे केदार भंडारी के माता- पिता को समझाने कोतवाली इंचार्ज विद्याभूषण नेगी मौके पर पहुंचे। उन्होंने उनकी बात शासन और प्रशासन के अधिकारियों से कराने का आश्वासन दिया, लेकिन परिजन नहीं माने। इधर कांग्रेस पार्टी ने केदार भंडारी के माता-पिता के धरने को समर्थन दिया। कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा के नेतृत्व में कांग्रेसी धरने पर बैठे। माहरा ने कहा कि केदार भंडारी प्रकरण में पुलिस की भूमिका सवाल खड़े करती है। अंकिता भंडारी और केदार भंडारी के मामले में उत्तराखंड शर्मशार हुआ है। क्या पहाड़ के बच्चों का कोई रखवाला नहीं है। उनकी रक्षा की कोई गारंटी नहीं है। मां-बाप को यही नहीं पता की वह जीवित है या मर गया।


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