उत्तराखंड में संतों ने यूपी सिंचाई विभाग के खिलाफ खोला मोर्चा! 13 फरवरी तक का दिया अल्टीमेटम

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उत्तरप्रदेश सिंचाई विभाग की जमीन से अतिक्रमण हटाने के विरोध में बैरागी अखाड़ों के साधु संत धरने पर बैठ गए हैं। साधु संतों का आरोप है कि हाईकोर्ट के स्टे के बावजूद सिंचाई विभाग ने जानबूझकर अतिक्रमण के नाम पर अखाड़ों में बुलडोजर चलाया है। जबकि इससे पहले ही हाईकोर्ट से अखाड़ों को स्टे मिला हुआ है. साथ ही उन्होंने प्रशासन पर गुंडागर्दी का आरोप भी लगाया।

आपको बता दें कि बीती 30 जनवरी को पुलिस प्रशासन की टीम जेसीबी लेकर बैरागी कैंप में अतिक्रमण को ध्वस्त करने पहुंची थी। तभी संतों ने हंगामा शुरू कर दिया। इतना ही नहीं महंत गोविंद दास महाराज ने सिंचाई विभाग के अधिकारियों और पुलिस प्रशासन के सामने ही आत्महत्या और आत्मदाह का प्रयास किया। वहीं, कुछ संत जेसीबी के आगे बैठ गए। जिस पर पुलिस प्रशासन ने कुछ संतों में हिरासत में लिया। हालांकि टीम ने तारबाड़ ध्वस्त किया। संतों की मांग पर उन्हें 15 दिन के भीतर खुद ही अवैध निर्माण हटाने का समय दिया गया। बैरागी अखाड़ों के साधु संत बैरागी कैंप में धरने पर बैठ गए। बावजूद इसके कोई भी अधिकारी सुध लेने के लिए बैरागी कैंप नहीं पहुंचा आखिरकार फोन पर हुई वार्ता के बाद साधु संतों ने 13 फरवरी तक का अल्टीमेटम दिया है। उनका कहना है जो तोड़फोड़ अतिक्रमण के नाम पर यूपी सिंचाई विभाग की ओर से की गई है वह ठीक नहीं किया गया तो हाईकोर्ट में इसका जवाब देने के लिए तैयार रहें।साथ ही कहा कि इसकी शिकायत उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से भी की जाएगी। इस दौरान स्वामी संजय महंत ने बताया कि फोन पर उत्तर प्रदेश सिंचाई विभाग के अधिकारियों से वार्तालाप हुई है। जिसमें उन्होंने बताया कि नैनीताल हाईकोर्ट के स्टे की जानकारी नहीं थी।जो भी तोड़फोड़ हुई है, उसे ठीक करा लिया जाएगा। उन्होंने आगे कहा कि यदि बाउंड्री वॉल दुरुस्त नहीं किया गया तो वो सिंचाई विभाग के अधिकारियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराने से पीछे नहीं हटेंगे। वहीं बाबा हठयोगी ने कहा कि प्रशासन की ओर से अतिक्रमण के नाम पर पूरे शहर में आमजन को परेशान किया जा रहा है। अब तो साधु संतों को भी उत्तर प्रदेश सिंचाई विभाग नहीं छोड़ रहा है। उन्होंने कहा कि हाईकोर्ट के स्टे के बावजूद सिंचाई विभाग अब अपनी गुंडागर्दी पर उतारू हैं. सिंचाई विभाग की ओर से गोलमोल जवाब दिया जा रहा है। वहीं निर्मोही अखाड़े के संत गोविंद दास महाराज ने चेतावनी देते हुए कहा कि अगर 13 फरवरी तक अखाड़े में जो भी टूट-फूट हुई है उसे उत्तर प्रदेश सिंचाई विभाग सही करके नहीं देता है तो सभी संत अनशन पर बैठ जाएंगे। साथ ही कहा कि अखाड़े के लिए उन्हें प्राणों की आहुति भी देनी पड़े तो वो इससे पीछे नहीं हटेंगे।

दरअसल उत्तर प्रदेश सिंचाई विभाग की सैकड़ों बीघा जमीन हरिद्वार के बैरागी कैंप में है। इस जमीन पर महाकुंभ और अर्धकुंभ जैसे पर्वों पर संतों को अस्थाई रूप से निर्माण करने की सुविधा दी जाती है। हरिद्वार महाकुंभ में भी बैरागी संतों को अस्थायी निर्माण करने के लिए जमीन दी गई थी, लेकिन कुछ संतों ने जमीन को घेरकर तारबाड़ कर डाली। इतना ही नहीं यहां पर पक्के निर्माण भी कर लिए अब यूपी सिंचाई विभाग जमीन खाली कराने जा रहा है।


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