अशासकीय विघालयों में शिक्षकों की चयन प्रक्रिया पर उठे सवाल

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उत्तराखंड में करीब 700 अशासकीय विद्यालयों में शिक्षकों की चयन प्रक्रिया को सरकार बदलने जा रही है। सरकार के इस निर्णय को शासकीय विद्यालय प्रबंधन एसोसिएशन ने तानाशाही करार दिया है। दरअसल लंबे समय से उत्तराखंड के अशासकीय विद्यालयों में शिक्षकों की नियुक्ति विद्यालय प्रबंधन की तीन सदस्यीय कमेटी किया करती थी जिसमें साक्षात्कार करने के बाद मेरिट के आधार पर शिक्षकों को नियुक्ति दी जाती थी लेकिन सरकार इस व्यवस्था को भंग करने के साथ नई नीति लाने जा रही है राज्य सरकार इन विद्यालयों में शिक्षकों के चयन के लिए चयन आयोग का गठन करने जा रही है जिसके लिए प्रबंधन के पूर्व के अधिकारों को समाप्त करते हुए चयन आयोग के गठन को हरी झंडी दे दी है। सरकार के इस फैसले को शासकीय विद्यालय प्रबंधन एसोसिएशन ने तानाशाही बताते हुए कहा है कि राज्य सरकार जिस चयन आयोग के गठन की बात कर रही है उससे विद्यालय प्रबंधन के अधिकारों का हनन होगा एसोसिएशन के अध्यक्ष जितेंद्र सिंह नेगी का कहना है कि अगर सरकार ने अपना फैसला वापस नहीं लिया तो प्रदेश के सभी अशासकीय विद्यालय आंदोलन करने के लिए बाध्य होंगे और सरकार से गुजारिश करेंगे कि वह अपना अनुदान विद्यालयों से वापस ले।


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