पिता की डांट से नाराज होकर नेपाल के लिए निकले 4 नाबालिग, पुलिस ने घने जंगल से किया सकुशल बरामद

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आखिरकार सोमेश्वर पुलिस ने चार गुमशुदा नाबालिग बच्चों को घने जंगल से सकुशल बरामद कर लिया है। बताया जा रहा है कि जंगल में बच्चों का गुलदार से भी सामना हुआ। अल्मोड़ा एसएसपी के निर्देश पर सोमेश्वर पुलिस ने त्वरित कार्रवाई कर जंगल की सघन कांबिंग की और बच्चों को सकुशल बरामद कर उनके परिजनों को सौंप दिया। जिसके बाद परिजनों ने सोमेश्वर पुलिस का आभार जताया है।

जानकारी के मुताबिक सोमेश्वर के दूरस्थ ग्राम कांटली में नेपाली मूल का व्यक्ति कर्ण बहादुर खत्री अपने 3 नाबालिग बच्चों के साथ रहता है। बच्चों की मां 2 साल पहले इनको छोड़ कर कहीं चली गई। बीती 22 नवंबर को कर्ण बहादुर ने किसी बात पर अपने बच्चों को डांट फटकार लगाई। जिससे नाराज होकर बच्चों ने घर से नेपाल जाने की योजना बनाई। इसी बीच कर्ण बहादुर काम पर निकला तो बच्चे मौका देखकर अपने पड़ोसी जगदीश राम की 10 वर्षीय बेटी को साथ लेकर पिनाकेश्वर के जंगलों की ओर निकल पड़े। शाम को जब कर्ण बहादुर काम से घर लौटा तो अपने बच्चों को घर पर न पाकर घबरा गया। वही आस पड़ोस में पूछताछ की तो पता चला की पड़ोसी जगदीश राम की बेटी भी घर से गायब है। बच्चों के परिजनों और ग्रामीणों ने आस पास काफी खोजबीन की लेकिन उनका कुछ पता नहीं चला इसके बाद कर्ण बहादुर खत्री और जगदीश राम ने थाना सोमेश्वर में बच्चों की गुमशुदगी दर्ज कराई। जिस पर थानाध्यक्ष विजय सिंह नेगी ने वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अल्मोड़ा को अवगत कराया इसके बाद एसएसपी के निर्देश पर पुलिस की 2 टीमों का गठन किया गया। पुलिस की टीम ने कांटली और पिनाकेश्वर के जंगलों में सघन कॉम्बिंग अभियान चलाया इस दौरान जंगल से पुलिस टीम को बाघ की गुर्राने की आवाज भी सुनाई दी। पुलिस टीम को दूर जंगल में एक टेंट लगा हुआ दिखा। जहां एक चारपाई के नीचे चारों बच्चे डरे सहमे छुपे हुए थे। बच्चों ने बताया कि वो अपने नानी के घर नेपाल जाने के लिए घर से निकले थे। जंगल में आते-आते रास्ता भटक गए थे। उन्हें एक बाघ भी दिखाई दिया जिसे देखकर वो काफी डर गए। जंगल में उन्हें टेंट दिखाई दिया तो वो बाघ के डर से टेंट में रखे चारपाई के नीचे छिप गए।


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