13 अक्टूबर देहरादून/तापस विश्वास
उत्तराखंड में धामी सरकार द्वारा नया एक्शन लिया गया है और यह एक्शन उत्तराखंड के मदरसों के लिए लिया गया है बता दे की अब उत्तराखंड राज्य में मदरसों का रजिस्ट्रेशन अनिवार्य कर दिया है साथ ही बता दे की उत्तराखंड में मदरसों के नाम नोटिस जारी किया गया है.नोटिस में कहा गया है कि मदरसों को एक महीने के भीतर राज्य के शिक्षा विभाग में अपना रजिस्ट्रेशन करवाना होगा रजिस्ट्रेशन नहीं करवाने पर मदरसों को बंद कर दिया जाएगा. बता दें कि राज्य सरकार के अनुसार प्रदेश में करीब 400 मदरसे हैं जो रजिस्टर्ड नहीं है. उत्तराखंड के समाज कल्याण और अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री चंदन राम दास ने इसको लेकर जानकारी दी है।
जानकारी के मुताबिक उत्तराखंड राज्य में मदरसा बोर्ड में 419 मदरसे पंजीकृत हैं जिनमें से 192 को केंद्र एवं राज्य सरकार से अनुदान मिलता है। राज्य सरकार का अनुमान है कि करीब 400 ऐसे मदरसे हैं जो पंजीकृत नहीं हैं। अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री चंदन राम दास दास ने कहा, ‘राज्य के शिक्षा विभाग में पंजीकरण नहीं कराने से वहां पढ़ने वाले छात्रों के भविष्य को नुकसान हो रहा है क्योंकि उन्हें पांचवीं कक्षा के बाद नया दाखिला लेने में परेशानी का सामना करना पड़ता है।’दास ने यह भी कहा कि मदरसों के पंजीकरण का उद्देश्य छात्रों का कल्याण है क्योंकि तभी वे केंद्र और राज्य सरकार की योजनाओं का लाभ उठा सकेंगे। मदरसों को मिलने वाले अनुदान का उचित उपयोग नहीं होने के आरोपों के बीच मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने हाल ही में उनके सर्वेक्षण की आवश्यकता को रेखांकित किया था। साथ ही उत्तराखंड राज्य वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष शादाब शम्स ने कहा कि उन्होंने इस संबंध में मुख्यमंत्री से बात की है और मदरसों के सर्वेक्षण के लिए जल्दी ही एक समिति का गठन किया जाएगा। पिछले महीने पहले राज्य वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष का कार्यभार संभालने के तुरंत बाद शम्स ने मदरसों में आधुनिक शिक्षा दिए जाने की वकालत की थी। इसके अलावा उन्होंने कहा कि बोर्ड की योजना मदरसों में भी राज्य शिक्षा बोर्ड का पाठ्यक्रम शुरू करने और उसके छात्रों को निजी और सरकारी स्कूलों के बच्चों के समान ही शिक्षा प्रदान करने की है। उन्होंने कहा कि मदरसों की गतिविधियों में पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएंगे। उत्तराखंड वक्फ बोर्ड 103 मदरसों का संचालन करता है।