शक्तिमान घोड़ा मौत मामला! हाईकोर्ट में हुई सुनवाई, याचिकाकर्ता ने आरोपियों को सजा दिलाए जाने की मांग

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उत्तराखंड के बहुचर्चित शक्तिमान घोड़े की मौत मामले में आरोपियों को सजा दिलाए जाने को लेकर दायर याचिका पर नैनीताल हाईकोर्ट में सुनवाई हुई। मामले को सुनने के बाद न्यायमूर्ति रविंद्र मैठाणी की एकलपीठ ने अगली सुनवाई के लिए 21 दिसंबर की तिथि नियत की है।

सुनवाई के दौरान सरकार की तरफ से कोर्ट को बताया कि अभी इस मामले में कोई अपील दायर नहीं की है। याचिकाकर्ता का इस मामले से कोई लेना देना नहीं है। इसलिए याचिका पोषणीय नहीं है। इसे निरस्त किया जाए। याचिकाकर्ता की तरफ से कहा गया कि याचिका पोषणीय है। पोषणीयता को लेकर कोर्ट 21 दिसंबर को सुनवाई करेगी। आपको बता दें कि रिटायर्ड कर्नल होशियार सिंह बिष्ट ने नैनीताल हाईकोर्ट में याचिका दाखिल कर जिला अदालत के उस फैसले को चुनौती दी है जिसमें निचली अदालत ने गणेश जोशी को दोषमुक्त कर दिया था और कहा था कि याचिकाकर्ता होशियार सिंह बिष्ट न तो शिकायतकर्ता है न ही गवाह हैं। याचिका में कहा गया है कि साल 2016 में विधानसभा घेराव के दौरान पुलिस की लाठी से गणेश जोशी ने घोड़े की टांग पर हमला किया और बाद में घोड़े की मौत हो गई। इस मामले में 23 अप्रैल 2016 को पुलिस ने गणेश जोशी को आरोपी बनाया और देहरादून के नेहरू कॉलोनी थाने में मुकदमा भी दर्ज किया। जिसके बाद 16 मई 2016 को चार्जशीट कोर्ट में दाखिल की।

वही इसी बीच सरकार बदली तो सरकार ने सीजेएम कोर्ट से केस वापस लेने के लिए प्रार्थना पत्र दाखिल कर दिया। बीती 23 सितंबर 2021 को निचली अदालत ने गणेश जोशी को बरी कर दिया और अपीलीय कोर्ट ने याचिका को सुनवाई योग्य नहीं माना। हाईकोर्ट में याचिकाकर्ता ने निचली अदालत के निर्णय को निरस्त करने के साथ गणेश जोशी और अन्य को सजा दिलाए जाने की मांग की है। गौर हो कि 14 मार्च 2016 को तत्कालीन कांग्रेस सरकार की कथित नाकामियों के विरोध में बीजेपी के सदस्यों ने बजट सत्र के दौरान विधानसभा का घेराव किया था। विधानसभा के पास विरोध प्रदर्शन के दौरान पुलिसकर्मियों व बीजेपी समर्थकों के बीच झड़प भी हुई थी। आरोप था कि इस दौरान बीजेपी विधायक गणेश जोशी ने पुलिस की लाठी छीनकर उन्हीं पर बरसाना शुरू कर दिया था। तत्कालीन विधायक गणेश जोशी के लाठी से हमला करने और दूसरी तरफ से बीजेपी नेता प्रमोद वोहरा की ओर से लगाम खींचने से घोड़े का सारा भार उसके पीछे के हिस्से पर आ गया। जिससे घोड़ा गिर गया था जिससे उसकी पिछली टांग की हड्डी टूट गई थी। इस दर्दनाक घटना के बाद घोड़े शक्तिमान का देहरादून पुलिस लाइन में कई दिनों तक उपचार चलता रहा। हालांकि शक्तिमान की जान बचाने के लिए डॉक्टरों ने ऑपरेशन कर उसकी टूटी टांग काट दी और उसकी जगह कृत्रिम (आर्टिफिशियल) पैर लगा दिया था, लेकिन उसकी जान नहीं बचा सकी।

शक्तिमान घोड़ा मौत मामला देश-विदेश में खूब चर्चित हुआ था। वहीं उत्तराखंड पुलिस के प्रशिक्षित घोड़े शक्तिमान पर कथित रूप से लाठी से हमला कर उसे घायल करने के आरोप में तत्कालीन बीजेपी विधायक गणेश जोशी पर पशु क्रूरता अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज किया गया था। कांग्रेस ने इस मामले को जोर-शोर से उठाया था। इससे पहले पुलिस घुड़सवार ने घोड़े की मौत पर एफआईआर दर्ज की थी गणेश जोशी को पुलिस ने आरोपी बनाया था। उधर, आरोप के मुताबिक तत्कालीन बीजेपी विधायक गणेश जोशी पर शक्तिमान प्रकरण में मुकदमा दर्ज कर साल 2016 से कोर्ट की कानूनी प्रक्रिया जारी थी। ऐसे में आखिरकार लंबी कोर्ट प्रक्रिया के बाद बीती 23 सितंबर 2021 को देहरादून की सीजेएम कोर्ट ने मामले में फैसला सुनाया था। मामले में सीजेएम कोर्ट ने आरोपी कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी समेत पांचों आरोपियों को बरी कर दिया था। गणेश जोशी के साथ बीजेपी नेता योगेंद्र रावत, जोगिंदर सिंह पुंडीर, राहुल रावत और प्रमोद वोहरा भी आरोपी थे।


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