विश्व प्रसिद्ध बदरीनाथ धाम के खुले कपाट

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उत्तराखंड के चौथे और भारत के चारधामों में से एक बदरीनाथ धाम के कपाट आज 12 मई को सुबह 6 बजे विधि-विधान से खोल दिए गए हैं। सेना के बैंड की धुन और भगवान बदरी विशाल के जयकारों के बीच मंदिर के कपाट खोले गए। अब अगले 6 महीने तक भक्त बदरीनाथ धाम में भगवान बदरी विशाल के दर्शन कर सकेंगे। बदरीनाथ धाम के कपाट खुलने के दौरान भक्तों में गजब का उत्साह देखने को मिला।

बता दें कि गंगोत्री, यमुनोत्री और केदारनाथ धाम के कपाट पहले ही 10 मई को खुल चुके हैं। आज बदरीनाथ धाम के कपाट भी खोल दिए गए हैं। विश्व प्रसिद्ध चारधाम में शुमार बदरीनाथ धाम में आज सुबह 4 बजे ब्रह्म बेला पर कपाट खुलने की प्रक्रिया शुरू हुई। जिसके बाद सुबह 6 बजे पूरे विधि विधान और वैदिक मंत्रोच्चार के साथ श्रद्धालुओं के लिए खोल दिए गए। हल्की बारिश के बीच आर्मी बैंड,ढोल नगाड़ों की मधुर धुन,स्थानीय महिलाओं के पारंपरिक संगीत और भगवान बदरी विशाल की स्तुति ने श्रद्धालुओं को मंत्रमुग्ध कर दिया। धार्मिक परंपराओं के निर्वहन के साथ कुबेर, उद्धव और गाडू घड़ा दक्षिण द्वार से मंदिर में परिसर में लाया गया। इसके बाद मंदिर के मुख्य पुजारी रावल समेत धर्माधिकारी, हक हकूकधारी और बदरी केदार मंदिर समिति के पदाधिकारियों ने प्रशासन और हजारों श्रद्धालुओं की मौजूदगी में विधि विधान से कपाट खोले। मुख्य पुजारी वीसी ईश्वर प्रसाद नंबूदरी ने गर्भगृह में भगवान बदरीनाथ की विशेष पूजा-अर्चना कर सभी के लिए मंगल कामना की। इसके साथ ही ग्रीष्मकाल के लिए बदरीनाथ धाम में दर्शन शुरू हो गए हैं। पहले दिन ही हजारों श्रद्धालुओं ने बदरीनाथ में अखंड ज्योति और भगवान बदरी विशाल के दर्शन कर पुण्य कमाया। कपाट खुलने के एक दिन पहले से ही बदरीनाथ धाम में श्रद्धालुओं की भीड़ जुटने लगी थी। अब गंगोत्री, यमुनोत्री, केदारनाथ और बदरीनाथ धाम के कपाट खुलने के साथ ही उत्तराखंड में चारधाम यात्रा का पूरी तरह से आगाज हो गया है।

 


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