उत्तराखंड आईएसबीटी को जन सुविधा के तहत विकसित किये जाने को लेकर बैठक! सीएम धामी ने अधिकारियों को दिये निर्देश

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उत्तराखंड के आईएसबीटी को जन सुविधाओं के तहत विकसित किए जाने और तमाम व्यवस्थाओं को मुकम्मल किए जाने को लेकर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने परिवहन विभाग की समीक्षा बैठक की। इस दौरान सीएम धामी ने अधिकारियों को निर्देश दिये कि प्रदेश के सभी आईएसबीटी में जन सुविधाओं के दृष्टिगत हर सम्भव व्यवस्थाएं की जाए। जिससे राज्य में आने वाले समय में श्रद्धालुओं एवं पर्यटकों की संख्या में तेजी से वृद्धि होगी। ऐसे में इस बात को ध्यान में रखते हुए राज्य के आईएसबीटी के विस्तारीकरण के लिए भी योजना बनानी होगी।

मुख्यमंत्री ने आईएसबीटी देहरादून की समीक्षा के दौरान निर्देश दिये कि इसमें यात्रियों की सुविधा के दृष्टिगत सभी मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध कराने के साथ ही स्वच्छता पर भी विशेष ध्यान दिया जाए। उन्होंने जिलाधिकारी देहरादून/ उपाध्यक्ष एमडीडीए सोनिका को निर्देश दिये कि देहरादून आईएसबीटी में आवश्यक सुविधाओं को और विस्तार दिया जाए। उन्होंने कहा कि देहरादून आईएसबीटी को जन सुविधा के दृष्टिगत अधिक विकसित किये जाने के लिए कार्ययोजना बनाई जाए। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिये कि आईएसबीटी के आस-पास हो रहे अतिक्रमण के लिए संबंधित थाने एवं चौकी प्रभारियों की जिम्मेदारी तय की जाय। यह सुनिश्चित किया जाए कि किसी भी आईएसबीटी के आस-पास अतिक्रमण न हो। उन्होंने कहा कि राज्य में जो भी नए आईएसबीटी बनाये जाने हैं, उसके लिए ऐसे स्थान चिन्हित किये जाएं जो यात्रयों के लिए भी आवागमन की दृष्टि से सुविधाजनक हों और भूमि की भी पर्याप्त उपलब्धता हो. इस संबंध में सभी पहलुओं को ध्यान में रखते हुए आगे की योजना बनाई जाए। बस अड्डों पर पर्वतीय उत्पादों के विपणन की व्यवस्था भी मॉडल रूप में की जाए. मुख्यमंत्री ने कहा कि यह सुनिश्चित किया जाए कि प्रदेश की सभी सड़कें गड्ढ़ा मुक्त हों। मुख्यमंत्री ने कहा कि वे कभी भी राष्ट्रीय राजमार्गों का औचक निरीक्षण कर सकते हैं। यदि राष्ट्रीय राजमार्गों पर गड्ढ़े पाये गये तो, संबंधित अधिकारियों के खिलाफ सख्त कारवाई की जायेगी सड़कों के कार्यों में किसी भी प्रकार की शिथिलता बर्दाश्त नहीं की जायेगी देवभूमि उत्तराखंड में देश विदेश से अनेक श्रद्धालु एवं पर्यटक आते हैं सभी की यात्रा सुगम हो वे यहां से अच्छा संदेश लेकर जाएं, यह हम सबकी नैतिक जिम्मेदारी है। मुख्यमंत्री ने कहा कि जन प्रतिनिधियों से जो भी सुझाव मिल रहे हैं उन्हें गंभीरता से लिया जाए. सड़क सुरक्षा के लिए लगातार जन जागरूकता अभियान चलाया जाए यदि कोई वाहन बिना फिटनेस टेस्ट के चल रहे हैं, तो इसके लिए भी संबंधित अधिकारियों की जिम्मेदारी तय की जाए। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस बैठक में जो भी निर्णय लिए गये हैं उन पर आवश्यक कार्यवाही के लिए पहले सचिव परिवहन समीक्षा करेंगे। उसके बाद परिवहन मंत्री की अध्यक्षता में बैठक की जाए. उसके बाद मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में भी बैठक होगी।


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