धर्मांतरण के विरोध में सड़कों पर उतरे व्यापारी! नए कानून के तहत पहला मुकदमा दर्ज

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उत्तराखंड में धर्मांतरण मामले के विरोध में सोमवार को पुरोला नगर व्यापार मंडल की ओर से क्षेत्र में बाजार बंद रखा गया। इस दौरान सभी व्यापारिक प्रतिष्ठान पूरी तरह से बंद रहे। वहीं व्यापारियों ने सड़कों पर उतरकर धरना प्रर्शन किया। प्रदर्शन में विभिन्न हिंदू संगठन और भाजपा कार्यकर्ता शामिल हुए। उधर संशोधित धर्मांतरण कानून के तहत प्रदेश में पहला मामला दर्ज किया गया है। कार्यकर्ताओं ने शहर में जुलूस भी निकाला। साथ ही आरोपियों को गिरफ्तार करने की मांग की। इसके बाद प्रदर्शनकारी तहसील में धरना देने पहुंचे और सीएम धामी को ज्ञापन भेजा। उन्होंने ग्रामीणों सहित कवरेज करने गए मीडिया कर्मियों पर मुकदमे दर्ज करने का विरोध भी किया। प्रदर्शनकारियों ने मांगें पूरी न होने पर रवांई घाटी में उग्र आंदोलन की चेतावनी दी। कोरोना संक्रमण के बढ़ने की आशंका के चलते उत्तराखंड हाईकोर्ट ने सभी अधिकारियों, कर्मचारियों, वकीलों और पक्षकारों के लिए मास्क पहनना अनिवार्य कर दिया है। मास्क लगाए बिना हाईकोर्ट में प्रवेश नहीं मिलेगा। हाईकोर्ट ने इसकी अधिसूचना जारी कर दी है। प्रदेश में फिलहाल कोई नया कोरोना संक्रमित नहीं मिला है। स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक रविवार को 271 सैंपलों की जांच की गई, जिनकी रिपोर्ट निगेटिव आई है। पिछले तीन दिनों में लिए गए सैंपल में राज्य में प्रतिदिन दो से तीन संक्रमित मिल रहे थे, लेकिन रविवार को कोई मामला संक्रमण का नहीं मिला। स्वास्थ्य विभाग की रिपोर्ट के अनुसार बीते दिनों प्रदेश भर में कुल सात संक्रमित मिले हैं। सक्रिय मरीजों की संख्या भी 28 है। इसमें अधिकतर संक्रमित होम आईसोलेशन में है। व्यापार मंडल के अध्यक्ष बृजमोहन चौहान ने कहा कि कुछ बाहरी लोगों द्वारा गरीबों को लालच देकर धर्मांतरण किया जा रहा है। यह बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

वहीं पुलिस जांच में सामने आया कि धर्मांतरण कराने मसूरी का पादरी गया था। पुलिस ने दोनों तरफ से मुकदमा लिख लिया है। एडीजी वी मुरुगेशन ने बताया कि प्राथमिकता के आधार पर मुकदमे की विवेचना करने के निर्देश दिए गए हैं। संशोधित कानून के तहत प्रदेश में यह पहला केस दर्ज हुआ है। बता दें कि बीते 23 दिसंबर को देवढुंग क्षेत्र में एक संस्था के निर्माणाधीन भवन में आयोजित कार्यक्रम में स्थानीय लोगों ने जमकर हंगामा काटा था। स्थानीय लोगों का आरोप था कि यहां बड़ी संख्या में लोगों को एकत्र कर धर्मांतरण कराया जा रहा था। समारोह स्थल को एक धर्म विशेष के त्योहार के लिए सजाया गया था।समारोह की भनक लगने पर बड़ी संख्या में स्थानीय लोग यहां पहुंचे और कार्यक्रम के बारे में पूछताछ की। समारोह को संपन्न कराने के लिए केरल से एक धर्म विशेष के कुछ प्रमुख लोग आए थे। कार्यक्रम स्थल पर धर्मांतरण का संदेह होने पर ग्रामीणों व आयोजकों में जमकर विवाद हुआ। ग्रामीणों ने पुलिस व प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी कर धर्म परिवर्तन कानून के तहत कार्रवाई करने की मांग की। ग्रामीणों ने आयोजन स्थल से धर्म विशेष की किताबों सहित अन्य सामान भी बरामद किया। इस दौरान ग्रामीणों व समारोह आयोजकों में हाथापाई भी हुई।


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