उत्तराखंड की सियासत का केंद्र बिंदु बना माणा गांव! प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कार्यक्रम के बाद अब कांग्रेस भी निकालेगी पदयात्रा

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उत्तराखंड की सियासत का माणा गांव मुख्य केंद्र बिंदु बनता जा रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जहां बीते दिनों माणा गांव में जनसभा कर देशवासियों को बड़ा संदेश दिया तो वहीं कांग्रेस ने भी माणा गांव से पदयात्रा निकालने का फैसला लिया है। पदयात्रा में शामिल होने के लिए कांग्रेस प्रदेश प्रभारी देवेंद्र यादव 3 नवंबर को उत्तराखंड प्रवास पर आ रहे हैं, जहां वे कई कार्यक्रमों में हिस्सा लेंगे।

कार्यक्रम की जानकारी देते हुए कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष करण माहरा ने बताया कि प्रदेश प्रभारी देवेंद्र यादव 3 नवंबर को अल्मोड़ा में राज्य के 6 जिलों के नेताओं और कार्यकर्ताओं के साथ बैठक करेंगे। इसके साथ ही प्रदेश प्रभारी जो नए ब्लॉक अध्यक्ष और जिलाध्यक्ष बनने जा रहे हैं उनकी भी अलग से बैठक करेंगे। जबकि 4 नवंबर को प्रदेश प्रभारी वरिष्ठजनों के साथ वन टू वन मुलाकात करेंगे ताकि उनके सुझाव लिए जा सकें। उन्होंने बताया कि कांग्रेस प्रदेश प्रभारी देवेंद्र यादव 5 नवंबर को देहरादून में ऊधम सिंह नगर समेत गढ़वाल मंडल के पदाधिकारियों और नेताओं के साथ बैठक करेंगे। वहीं देवेंद्र यादव बदरीनाथ के माणा गांव पहुंचकर भारत जोड़ो यात्रा के तहत उत्तराखंड के हिस्से की पहली यात्रा में शामिल होंगे। उसके बाद प्रदेश प्रभारी दिल्ली रवाना हो जाएंगे।

ऊधम खटीमा विधायक और उपनेता प्रतिपक्ष भुवन कापड़ी देहरादून के कांग्रेस प्रदेश मुख्यालय पहुंचे। जहां उन्होंने मीडिया से मुखातिब होते हुए सरकार पर गैरसैंण की उपेक्षा किए जाने के आरोप लगाए। उनका कहना है कि सरकार गैरसैंण को स्थाई राजधानी बनाए जाने को लेकर मानसिक रूप से तैयार नहीं है। सरकार इस उलझन में है कि वहां सत्र ग्रीष्मकालीन में कराए या शीतकालीन में कराए जाए। वहीं उनका कहना है कि पहाड़ हमारा गौरव है ऐसे में जब सभी कर्मचारी और नेता वहां पहुंचेंगे, तभी पहाड़ का विकास संभव है। उन्होंने कहा कि सरकार ने चारधाम यात्रा की पोल न खुले इसलिए ग्रीष्मकालीन सत्र देहरादून में कराया और अब भी सरकार की मंशा है कि शीतकालीन सत्र भी गैरसैंण की बजाय देहरादून में आहूत कराया जाए। गौर हो कि विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूड़ी ने सोमवार को सर्वदलीय बैठक बुलाई थी जिसमें सभी विधानसभा सदस्यों से शीतकालीन विधानसभा सत्र को लेकर सुझाव मांगे थे जबकि मुख्य विपक्षी पार्टी कांग्रेस का कहना है कि ग्रीष्मकालीन राजधानी गैरसैंण बनाए जाने के बाद भी ग्रीष्मकालीन सत्र वहां नहीं कराया गया जो कि प्रदेश के लिए दुर्भाग्यपूर्ण है।


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