उत्तराखंड में पहाड़ से मैदान तक घाटों पर उमड़ी भीड़, डूबते सूर्य को अर्घ्य देकर व्रतियों ने की मंगल कामना

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पूर्वांचल समुदाय के लोक आस्था के महापर्व छठ की छटा उत्तराखंड के गंगा घाट और तटों पर भी देखने को मिली। पहाड़ से मैदान तक व्रतियों ने छठ घाटों पर जाकर पानी के बहते स्रोतों में खड़े हुए और जब भगवान भास्कर अस्ताचलगामी होने लगे तो उन्हें सायं कालीन अर्घ्य दिया। इस दौरान व्रतियों ने परिवार की सुख समृद्धि की कामना की। ऋषिकेश में तपोवन, मुनिकीरेती, स्वर्गाश्रम, लक्ष्मणझूला, त्रिवेणी घाट, साईं घाट, रायवाला और हरिपुरकलां के गंगा घाट और तट पर श्रद्धालुओं की भीड़ देखने को मिली।

वहीं हरिद्वार में हरकी पैड़ी पर भी बड़ी संख्या में व्रती पहुंचे। देहरादून में पूजा के लिए बनाए गए तटों पर भी बड़ी संख्या में लोग पहुंचे। उत्तरकाशी में लोगों ने भागीरथी नदी तट पर पूजा अर्चना कर डूबते सूरज को अर्घ्य दिया। छठ घाटों की ओर जाते समय श्रद्धालुओं ने कांच ही बांस के बहंगिया बहंगी लचकत जाए जैसे पारंपरिक गीत गाए। आज यानी सोमवार की सुबह 6:32 बजे उदीयमान सूर्य के अर्घ्य देने के साथ सूर्योपासना का यह पर्व संपन्न हो जाएगा। पूर्वा सांस्कृतिक मंच के 18 घाटों पर लगभग 20 हजार छठ व्रतियों ने संध्या 5:32 बजे डूबते हुये सूर्य को अर्घ्य दिया। महिलाओं ने उर्जा व समृद्धि के प्रतीक सुर्य देव का 36 घंटे का निर्जला व्रत रखा है। रविवार की सुबह से व्रतियों ने बांस की बनी पूजा की टोकरी व सुपली में फल, चावल का लड्डू, कुछ शुद्ध हरी कच्ची सब्जीयां, मिठाईयां, शुद्ध देसी घी गुड़ के बने ठेकुये और पूजन सामग्री को सजाना शुरू किया। सुबह से ही नहा-धोकर अपने हाथ से बनाए मिट्टी के चुल्हे पर ठेकुआ, खाजा, लड्डू वगैरह का प्रसाद बनाने का कार्य में महिलाओं ने किया।घाट पर आकर स्नान और सूर्य की उपासना, अर्घ्य एवं आरती की गई। मंच के संस्थापक महासचिव सुभाष झा ने बताया कि सभी घाटों पर मंच के कार्यकर्ता सोमवार की सुबह तक अपनी सेवाएं देंगे। शहर के तमाम छठ घाटों मालदेवता रोड, डालनवाला बलवीर रोड, हरबंस वाला, केसर वाला समेत तमाम छठ घाटों पर व्रतियों और श्रद्धालुओं का उत्साह देखने को बन रहा था। शुक्रवार से नहाय-खाय के साथ छठ पर्व की शुरुआत हुई थी। चार दिनों तक चलने वाले महापर्व के दूसरे दिन कार्तिक पंचमी यानी शनिवार को खरना मनाया गया। इसके साथ ही 36 घंटे का निर्जला व्रत शुरू किया गया। इसके बाद आज व्रतियों ने डूबते सूर्य के दर्शन और पूजा कर उपासना की। इसके बाद अब सोमवार को उगते सूर्य को अर्घ्य देकर छठ पूजा का समापन होगा।


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