देश में फिर बढ़े खाने के साथ नहाने की वस्तुओं की कीमतें

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लोगों को अब रोजमर्रा की वस्तुओं के लिए ज्यादा कीमत चुकानी पड़ेगी। देश में दैनिक उपभोग की सबसे आवश्यक वस्तुओं में शामिल नहाने, कपड़ा धोने का साबुन, टूथ पेस्ट और नूडल्स की कीमतों भी इजाफा हुआ है।

यूनिलीवर ने फरवरी के मुकाबले अपने उत्पाद नहाने के साबुन पीयर्स के कीमतों में 9 फीसदी जबकि फेस वाश में 3-4 फीसदी की बढ़ोतरी की है। वहीं रिन डिटर्जेंट बार की कीमत में 5-13 फीसदी जबकि डिटर्जेंट पाउडर 2-8 फीसदी महंगा हो गया है।

आईटीसी ने फियामा साबुन के दाम को 11 फीसदी तक बढ़ा दिया है। सिन्थाल साबुन की कीमत 5-24 फीसदी बढ़ा दी है। पतंजलि ने भी साबुन की कीमतों में इजाफा किया है।

टूथपेस्ट की कीमत भी बढ़ी : कोलगेट टूथपेस्ट की कीमतों में 2-18 फीसदी और डाबर के क्लोजअप, बबूल की कीमतों में 4-9 फीसदी का इजाफा हुआ है। चीनी की कीमतों में लगभग 1 फीसदी, गेहूं में 4 फीसदी वहीं जौ की कीमतों में लगभग 21 फीसदी की बढ़ोतरी दर्ज की गई है।

रसोई गैस की कीमत डेढ़ साल में डेढ़ गुना बढ़ी

देश में डेढ़ साल के भीतर घरेलू रसोई गैस की कीमत में डेढ़ गुना तक का इजाफा हुआ। दिसंबर 2020 में दिल्ली में रसोई गैस की कीमत 644 रुपये थी, जो अब बढ़कर 1003 रुपये हो गई है। 18 महीने में 359 रुपये यानी 55 फीसदी दाम बढ़े हैं। गुरुवार को 3.50 रुपये की बढ़ोतरी के साथ दिल्ली-मुंबई में सिलेंडर 1000 रुपये से अधिक का हो गया है।

 

तेल, मसालों की बढ़ती कीमतों ने बिगाड़ा बजट

घरेलू गैस के बाद अब खाद्य तेल और मसालों की कीमतों ने रसोई का बजट बिगाड़ दिया है। भारतीय उद्योग व्यापार मंडल के महामंत्री हेमंत गुप्ता का कहना है कि भारत में सालाना 225 लाख टन खाद्य तेल की खपत होती है, जिसमें से 150 लाख टन आयात होता है।

 


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