Friday, December 1, 2023
No menu items!
Google search engine
Homeउत्तराखंडउत्तराखंड में आसमानी आफत ने लगाई 1 हजार करोड़ की चपत! पुल...

उत्तराखंड में आसमानी आफत ने लगाई 1 हजार करोड़ की चपत! पुल और सड़कें टूटने से 506 करोड़ स्वाहा

उत्तराखंड में इस साल भी मॉनसून पहले जैसे ही जख्म दे रहा है। भारी बारिश के कारण प्रदेश को अभी तक करीब 1 हजार करोड़ रुपए का नुकसान हो चुका है सड़कें और पुल टूटने से अभीतक 506 करोड़ रुपए की संपत्ति पानी में बह गई है। इसके अलावा कई मार्ग पिछले एक हफ्ते से बंद पड़े हुए हैं जिन्हें खोलने में संबंधित विभाग के पसीने छूट रहे हैं। भारी बारिश का असर पर्यटन व्यवसाय पर भी पड़ा है। सड़कें बंद होने की वजह से पर्यटक पहाड़ों का रुख नहीं कर रहे हैं।

उत्तराखंड में बीते कई दिनों से मूसलाधार बारिश हो रही है जिसके कारण पहाड़ का जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। पहाड़ों पर भारी बारिश के बाद जो हालात बने हैं उसका असर पर्यटन भी पड़ा है जिसका खामियाजा व्यापारियों को उठाना पड़ रहा है। क्योंकि पर्यटन उत्तराखंड की आर्थिकी में बड़ा योगदान देता है, लेकिन बारिश के कारण उत्तराखंड का पर्यटन कारोबार लगभग चौपट सा हो गया है। उत्तराखंड में मॉनसून हर साल अपने साथ तबाही की कुछ खौफनाक यादें छोड़कर जाता है। ऐसे ही कुछ इस बार भी देखने को मिल रहा है। प्रदेश में भारी बारिश के कारण भूस्खलन की घटनाएं बढ़ गई हैं जिस कारण प्रदेश में कई मुख्य मार्ग बंद पड़े हुए हैं। बारिश के कारण उत्तराखंड की सड़कों और पुलों को इस बार 506 करोड़ रुपए से ज्यादा का नुकसान उठाना पड़ा है। पौड़ी जिले में बादल फटने से भारी तबाही हुई: कई जगहों पर हालात ऐसे बन गए हैं कि गांवों का संपर्क तहसील और जिला मुख्यालय से कट गया है। उत्तराखंड के पौड़ी जिले में भी बादल फटने की घटना सामने आई थी। बादल फटने से जल प्रलय ने इलाके में भारी तबाही मचाई थी जिसका असर ये हुआ है कि मेरठ-पौड़ी नेशनल हाईवे का एक हिस्सा भी पानी के तेज बहाव में बह गया था। वहीं चमोली जिले का हेलंग उर्गम सड़क मार्ग भी पिछले 15 दिनों से बंद पड़ा हुआ है। यहां हालात इतने खराब हो गए हैं कि रोजमर्रा के काम के लिए भी लोगों को जान जोखिम में डालनी पड़ रही है। इस मार्ग के बंद होने से पंच केदारों में एक कल्पेश्वर महादेव पहुंचने वाले पर्यटकों की आवाजाही ठप हो गई है। इसका असर वहां के स्थानीय लोगों की रोजी-रोटी पर पड़ा है। सड़क बंद होने के कारण गांव में अब खाने -पीने के समान की कमी होने लगी है। साथ ही गैस का संकट भी धीरे-धीरे गहराने लगा है। वहीं कुछ जगहों पर हालत ऐसे हैं जहां सड़कें पिछले एक हफ्ते से बंद पड़ी हुई है। इस बारे में जब पीडब्ल्यूडी सचिव पंकज कुमार पांडेय ने सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि जो मेजर सड़कें हैं उनमें मशीनें लगाई गई हैं लेकिन फिर भी बारिश के कारण सड़कों पर मलबा आ जा रहा है। ऐसे में इस भारी बारिश के बीच मशीनों को तत्काल पहुंचने में दिक्कतें आती है। लेकिन वर्तमान में करीब 450 मशीनें अलग अलग जगह तैनात की गई हैं। उत्तराखंड में जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया। सचिव पंकज कुमार पांडेय ने बताया कि प्राथमिकता के आधार पर जनपद स्तर से मशीनों को लगाया जाता है लेकिन कोशिश यही रहती है कि एक दिन के भीतर सड़कों को खोल दिया जाए। वहीं सीएम पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि इस मॉनसून में सड़कों को काफी अधिक नुकसान हुआ है। करीब एक हजार करोड़ रुपए की सरकारी संपत्तियों का नुकसान पहुंचा है। हालांकि भारत सरकार की टीम ने इसका प्रारंभिक सर्वे भी किया है। ऐसे में आपदा के बाद नुकसान के होने वाले एसेसमेंट के लिए भी भारत सरकार को पत्र लिख रहे हैं। ताकि आपदा से होने वाले नुकसान के संबंध में सहायता मिल सके।

 

सम्बंधित खबरें
- Advertisment -spot_imgspot_img

ताजा खबरें