Friday, April 19, 2024
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नाटो में एंट्री पर तुर्की के अड़ंगे से परेशान स्वीडन और फिनलैंड

फिनलैंड और स्वीडन के नाटो सैन्य गठबंधन की सदस्यता को लेकर तुर्की ने विरोध तेज कर दिया है। फिनलैंड विदेश मंत्री पेक्का हाविस्तो ने मंगलवार को कहा कि इस अड़ंगे को हल करने के लिए बुधवार को एक टीम इस्तांबुल भेजी जाएगी। दरअसल, तुर्की की आपत्तियों ने फिनलैंड और स्वीडन की उन उम्मीदों पर ब्रेक लगा दिया है जिसमें वे यूक्रेन पर रूसी हमले के बाद अपनी सुरक्षा के मद्देनजर नाटो से जुड़ना चाहते हैं। फिनलैंड के विदेश मंत्री पेक्का हाविस्तो ने दावोस में वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम में एक पैनल चर्चा के दौरान कहा, “हम समझते हैं कि आतंकवाद को लेकर तुर्की की अपनी कुछ सुरक्षा चिंताएं हैं। हमें लगता है कि इन मुद्दों को सुलझाया जा सकता है। कुछ ऐसे मुद्दे भी हो सकते हैं जो सीधे फिनलैंड और स्वीडन से नहीं बल्कि नाटो के अन्य सदस्यों से जुड़े हुए हैं।”

दरअसल, तुर्की का कहना है कि स्वीडन और फिनलैंड कुर्दिस्तान वर्कर्स पार्टी (पीकेके) के आतंकवादी समूह और फेतुल्लाह गुलेन के अनुयायियों से जुड़े लोगों को शरण देते हैं, जिन पर तुर्की ने 2016 के तख्तापलट के प्रयास को अंजाम देने का आरोप लगाया है। तुर्की के विदेश मंत्रालय ने फिनलैंड की टीम का स्वागत करने की बात कही है और बताया कि वार्ता बुधवार से शुरू होगी।

इससे पहले सोमवार को तुर्की ने स्वीडन की नाटो सदस्यता का समर्थन करने के लिए पांच शर्त रखीं। जिसमें मांग की गई कि स्वीडन तुर्की के खिलाफ प्रतिबंध हटा दे, जिसमें हथियार निर्यात प्रतिबंध भी शामिल है। नाटो ने बयान में कहा है, “स्वीडन ने सदस्यता के लिए आवेदन किया है, इसलिए उससे तुर्की की सुरक्षा चिंताओं के बारे में ठोस आश्वासन देने और ठोस कदम उठाने की उम्मीद है।” तुर्की के एक अधिकारी का कहना है, “2017 से हमारे देश ने स्वीडन से पीकेके / पीवाईडी और एफईटीओ आतंकवादियों को सौंपने का अनुरोध किया है, लेकिन अभी तक कोई सकारात्मक प्रतिक्रिया नहीं मिली है।” उन्होंने कहा कि तुर्की स्वीडन और फिनलैंड के साथ अपनी बातचीत में तब तक पीछे नहीं हटेगा जब तक अंकारा की सुरक्षा चिंताओं को दूर करने के लिए ठोस कदम नहीं उठाए जाते। स्वीडन और फिनलैंड के नाटो में शामिल होने पर आपत्ति जताने वाले तुर्की के राष्ट्रपति रजब तैयब इरदुगान ने शनिवार को दोनों नॉर्डिक देशों के नेताओं के साथ फोन पर बातचीत की और अपनी चिंताओं पर चर्चा की।

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