देहरादून में 2018 में नाबालिग का अपहरण कर दुष्कर्म करने वाले युवक को स्पेशल जज ने 20 साल की सजा सुनाई है। साथ ही अभियुक्त पर 15000 रुपये का जुर्माना लगाया गया है। पीड़िता ने 8 नवंबर 2019 को एक बेटे को जन्म दिया था।
उत्तराखंड के देहरादून में स्पेशल जज अर्चना सागर की अदालत ने नाबालिग का अपहरण कर उसके साथ दुष्कर्म करने वाले युवक को अर्थदंड के साथ 20 साल के कारावास की सजा सुनाई है। पुलिस ने अभियुक्त को न्यायालय परिसर से हिरासत में लेकर जेल भेज दिया है। बता दें कि सहसपुर निवासी एक व्यक्ति ने 22 नवंबर 2018 को शिकायत दर्ज कराई थी कि उसकी नाबालिग बेटी 22 नवंबर को स्कूल गई थी लेकिन वापस घर नहीं आई। आसपास जानकारी करने पर पता चला कि सहसपुर निवासी युवक उनकी बेटी को अपने साथ बहला-फुसलाकर ले गया है। व्यक्ति की तहरीर के आधार पर थाना सहसपुर पुलिस ने अपहरण का मुकदमा दर्ज कर मामले की जांच शुरू की। जिसके बाद करीब 11 महीने बाद आरोपी को लुधियाना पंजाब से गिरफ्तार कर उसके कब्जे से पीड़िता को भी बरामद किया गया। वहीं जब पीड़िता का मेडिकल कराया तो, पता चला कि पीड़िता गर्भवती है। पीड़िता ने अदालत में बताया कि उसके पिता उसकी कहीं और शादी करना चाहते थे और वह युवक से प्यार करती थी इसलिए अपनी मर्जी से 22 नवंबर 2018 को उसके साथ गई थी और इससे पहले 9 नवंबर 2018 को उन्होंने निकाह कर लिया था। पीड़ितों की जन्म तिथि 20 जून 2001 है और उस समय में नाबालिग थी लेकिन युवक ने बालिक होने के बाद ही उसके साथ शारीरिक संबंध बनाए। 8 नवंबर 2019 को एक बेटा हुआ। इस पर जब अदालत में ट्रायल शुरू हुआ तो अभियोजन ने यह सिद्ध कर दिया कि नाबालिग रहते हुए ही युवक ने पीड़िता से दुष्कर्म किया था। शासकीय अधिवक्ता अल्पना थापा ने बताया कि जब पीड़िता का अपहरण हुआ था उस वक्त वह 17 साल 5 महीने की थी और जब पुलिस ने उसे 19 अक्टूबर 2019 को बरामद किया तो उस समय उसकी उम्र 18 साल 4 महीने की थी।